राजधानी दिल्ली की झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोगों के लिए राहत भरी खबर है। अब झुग्गी वालों को किराये में सरकारी फ्लैट मिल सकेंगे। दिल्ली सरकार ने केंद्र की अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग कांप्लेक्स (एआरएचसी) योजना को लागू करने का फैसला किया है, जिसका उद्देश्य प्रवासी शहरी गरीबों को किफायती किराये पर आवास उपलब्ध कराना है।इस बारे में दिल्ली सरकार ने केंद्र को पत्र लिखा है जिसमें इस योजना को लेकर दोनों सरकार के बीच होने वाली प्रक्रिया को जल्द पूरा किया जाए और गरीबों को किराये पर फ्लैट मिलने शुरू हो सकें।

इसके साथ ही दिल्ली सरकार ने केंद्र से 18,639 फ्लैटों को एआरएचसी योजना से बाहर किए जाने का अनुरोध किया है।इसमें 9,535 दिल्ली सरकार को चाहिए हैं इनके लिए डूसिब आवंटन प्रक्रिया लगभग पूरी का चुका है।जबकि इसमें से 9,104 डीडीए ने मांगे हैं। बता दें कि कोविड महामारी के चलते लगाए गए लाकडाउन के समापन के बाद प्रवासी शहरी गरीबों को किराये के आवास प्रदान करने के लिए केंद्र ने आरएचसी योजना शुरू की।

दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार दो साल तक इस योजना का विरोध किया गया था, मगर अब इसे लागू करने का फैसला किया है। दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डूसिब) शहर में शहरी गरीबों को आवास प्रदान करने के लिए नोडल एजेंसी हैद। इसके सदस्य बिपिन राय कहते हैं कि लोगों के कल्याण के लिए दिल्ली सरकार ने केंद्र की एआरएचसी योजना को लागू करने पर सहमति व्यक्त की है।

 

हम बस इतना चाहते हैं कि लोगों को जल्द से जल्द फ्लैट आवंटित किए जाएं। केंद्र के साथ समझौता ज्ञापन पर जल्द ही हस्ताक्षर किए जाएंगे। हम इसे लागू करने की योजना मंजूरी के लिए केंद्र को भेजेंगे। लेकिन हमने 18,639 फ्लैटों को योजना से छूट देने के लिए अपना अनुरोध भी भेजा है।सूत्रों का कहना है कि उपराज्यपाल अनिल बैजल ने आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी को पत्र लिखा है और दिल्ली सरकार द्वारा जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन (जेएनएनयूआरएम) के तहत निर्मित 18,639 फ्लैटों को एआरएचसी योजना से छूट देने का अनुरोध किया है।

दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 18,000 से अधिक फ्लैटों में से दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने डूसिब से शहरी गरीबों को आवास उपलब्ध कराने के लिए 9,535 फ्लैटों के लिए अनुरोध किया है।शेष 9,104 फ्लैटों के लिए डूसिब स्वयं के लिए चाहता है। इन फ्लैटों के लिए विभिन्न एजेंसियों और लाभार्थियों से शुल्क लिया है।

दिल्ली सरकार ने स्लम निवासियों के लिए आवंटन प्रक्रिया शुरू की थी, मगर 2020 में केंद्र की एआरएचसी योजना की घोषणा के बाद इसे रोक दिया गया था।पिछले कुछ वर्षों में यूपीए-युग की योजनाओं जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन (जेएनएनयूआरएम) और राजीव आवास योजना (आरएवाई) के तहत करीब 45,000 फ्लैटों का निर्माण किया गया है। लेकिन इनमें से अधिकतर फ्लैट खाली पड़े हैं।

कुछ तो अभी भी कर रहा हूँ आप लोगो के लिये ख़ैर आप email पर लिख भेजिए मुझे [email protected] पर

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