दक्षिण दिल्ली के वसंत कुंज इलाके में चार अपार्टमेंटों में रहने वाले करीब दो हजार परिवारों की आजकल नींद उड़ी हुई है। दरअसल, एविएशन वाचडाग डायरेक्टर जनरल आफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) ने डीडीए को वसंत कुंज डी-6 स्थित गंगा, यमुना, नर्मदा व सरस्वती अपार्टमेंटों की ऊंचाई कम करने का नोटिस दिया है।

 

डीजीसीए ने इन चारों अपार्टमेंटों में कुल 15 बिल्डिंगों की ऊंचाई को इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरने वाले हवाई जहाजों के लिए खतरा बताते हुए यह नोटिस दिया है। मानक के अनुसार, इन अपार्टमेंट की उंचाई 296 मीटर होनी चाहिए, जबकि इनकी उंचाई एक से लेकर तीन मीटर तक अधिक है। इसी पर डीजीसीए को आपत्ति है। इन नोटिस पर अमल हुआ तो इन बिल्डिंगों के ऊपर बने लिफ्ट रूम, पानी की टंकी व फायर वाटर टैंक आदि को तोड़ना पड़ेगा।

 

गौरतलब है कि दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डीआइएएल) के सर्वेक्षण के बाद डीजीसीए ने डीडीए को नोटिस जारी किया था। डीआइएएल ने 2016 में किए गए सर्वेक्षण के आधार पर हवाई अड्डे के आसपास स्थित गंगा, यमुना, नर्मदा और सरस्वती अपार्टमेंट की ऊंचाई अधिक बताई है। यमुना अपार्टमेंट आरडब्ल्यूए के सचिव हरी ने बताया कि अपार्टमेंट को बचाने के लिए सभी स्थानीय निवासी प्रयास कर रहे हैं।

एनएस मोर (अध्यक्ष, गंगा अपार्टमेंट आरडब्ल्यूए) का कहना है कि हम लोगों ने मेहनत की कमाई से घर खरीदा है। अगर हमारे अपार्टमेंट पर बनी पानी की टंकी, फायर वाटर टैंक व लिफ्ट रूम तोड़ दिए जाएंगे तो हम कैसे रह सकेंगे यहां। हमने नोटिस का जबाव देने के साथ ही दोबारा सर्वेक्षण करने के लिए अपील भी कर दी है। अगर हमारी बात नहीं मानी गई तो हम लोग अदालत में अपील करेंगे। डीडीए से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) मिलने के बाद इन टावरों का निर्माण किया गया था। अब इन इमारतों की ऊंचाई कम करने के लिए नोटिस देने का क्या मतलब है। अगर ये हवाई जहाजों के लिए खतरा थीं तो डीडीए व अन्य एजेंसियों को पहले यह बात सोचना चाहिए था। हम लोग यहां फ्लैट लेते ही नहीं।

कुछ तो अभी भी कर रहा हूँ आप लोगो के लिये ख़ैर आप email पर लिख भेजिए मुझे [email protected] पर

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