होटल और रेस्तरां मालिकों को अल्टीमेटम देते हुए सरकार ने दो टूक कहा है कि वे उपभोक्ताओं से सर्विस चार्ज नहीं वसूल सकते। इस तरह की अवैध वसूली से रोजाना लाखों उपभोक्ताओं के हित प्रभावित हो रहे हैं। केंद्रीय उपभोक्ता मंत्रलय जल्दी ही एक मजबूत तंत्र का गठन कर कानूनी प्रविधान लागू कराएगा। होटल और रेस्तरां मालिकों समेत विभिन्न पक्षकारों के साथ गुरुवार को यहां हुई बैठक में खानपान के साथ सर्विस चार्ज वसूलने को गैरकानूनी बताया गया।

 

बैठक में खानपान बिल में सर्विस चार्ज जोड़ने को वैधानिक रूप से गलत करार देते हुए कहा गया कि कानूनी रूप से किसी होटल व रेस्तरां को इसका अधिकार नहीं है। रेस्तरां में ज्यादातर उपभोक्ता परिवार के साथ जाते हैं। ऐसे स्थानों पर विवाद से बचने अथवा शर्म व लिहाज की वजह से वे भुगतान करने में ही अपनी भलाई समझते हैं। रेस्तरां में होने वाली इस तरह की हरकत पर तत्काल रोक लगाने की जरूरत है। उपभोक्ता संगठनों ने इसे आपराधिक कृत्य करार देते हुए कहा कि पूर्व में बताए बगैर सीधे चार्ज वसूलने को गैरकानूनी घोषित किया जाए

 

उपभोक्ता मामले मंत्रलय की ओर से आयोजित बैठक में नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन आफ इंडिया, फेडरेशन आफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन आफ इंडिया और मुंबई ग्राहक पंचायत समेत कई उपभोक्ता संगठनों ने हिस्सा लिया। बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय सचिव रोहित कुमार सिंह ने की। उन्होंने नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन पर दर्ज कराई गई शिकायतों का ब्योरा रखते हुए पूछा कि क्या इस पर होटल और रेस्तरां वालों को कुछ कहना है? इन्हें स्वीकार करते हुए रेस्तरां वालों ने अपनी दलील में सर्विस चार्ज को जायज बताया। कहा कि उनके यहां आने वाले ग्राहकों अथवा उपभोक्ताओं को सर्विस चार्ज का पता होता है, जिसे हम उनकी सहमति मानते हैं।

 

  • सरकार की दो टूक, सर्विस चार्ज वसूलना पूरी तरह गैरकानूनी
  • रोजाना लाखों उपभोक्ताओं से होती है अवैध वसूली
  • मजबूत तंत्र का गठन कर लागू किए जाएंगे कानूनी प्रविधान
  • होटलों में वेटरों की अच्छी सेवा से संतुष्ट ग्राहक कई बार टिप के रूप में कुछ रुपये दे दिया करते थे।
  • इसे होटल और रेस्तरां मालिक अब अनधिकृत रूप से खाने के बिल में जोड़कर वसूलने लगे हैं।
  • इसे लेकर सरकार उन्हें चेतावनी देती रही है। लेकिन पुख्ता तौर पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं हो सकी है।

कुछ तो अभी भी कर रहा हूँ आप लोगो के लिये ख़ैर आप email पर लिख भेजिए मुझे [email protected] पर

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