डेल्टा वैरिएंट को लेकर एक नया अध्ययन

अब दूसरी लहर काबू में आ रही है। इसी बीच कोरोना के डेल्टा वैरिएंट को लेकर एक नया अध्ययन सामने आया है, जिसमें पता चला है कि यह वैरिएंट वैक्सीन के असर को भी कम कर रहा है। एम्स में हुए शोध में इस बात की पुष्टि हुई है।       

यह लक्षण देखे गए

एम्स ने अपने अध्ययन में 63 लोगों को शामिल किया था, जो वैक्सीन लेने के बाद भी संक्रमित हो गए थे। इनमें 36 ऐसे लोग भी शामिल थे, जिन्होंने वैक्सीन की दोनों डोज ले ली थी , जबकि 27 ने सिर्फ एक डोज ली थी। दोनों डोज लेने वाले 60 फीसदी लोगों में जबकि एक डोज लेने वाले 77 फीसदी में डेल्टा वैरिएंट पाया गया। इनमें से अधिकतर लोगों को पांच से सात दिनों तक बहुत ज्यादा बुखार रहा था।  

एम्स में  सात बच्चों को वैक्सीन की डोज दी गई

एम्स में बच्चों पर कोरोना वैक्सीन का ट्रायल शुरू होने के बाद गुरुवार तक कुल सात बच्चों को वैक्सीन की डोज दी गई है। टीका लगने के बाद फिलहाल सभी बच्चे स्वस्थ है। डॉक्टरों की एक टीम लगातार उनके संपर्क में बनी हुई है।

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