कोरोना के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए किसान नेताओं का कहना है कि अगर सरकार वक्सीनशन को जरूरी समझती है, तो यहाँ आकर आंदोलन में शामिल बुजुर्गों का कोविड वैक्सीनेशन करा सकती है। उनका कहना है की इसके लिए सरकार धरनास्थल में आकर वैक्सीनेशन प्रोग्राम शुरू करे। बुजुर्ग किसान किसी सेंटर में नहीं जाएंगे। भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक का कहना कि यह एक नया रोग जरूर है, लेकिन इतना भयावह नहीं जितना सरकार लंबे समय से प्रचार कर रही है।

गाजीपुर धरना प्रबंधन कमिटी के नेता जगतार सिंह बाजवा ने बताया धरना स्थल में कही भी कोविड-19 का मामला सामने नहीं आया है। किसान करीब 4 महीने से दिल्ली बॉर्डर पर धरना दिए हुए हैं। उस समय कोविड के मामले आज से अधिक आ रहे थे। आंदोलनकारी किसी भी किसान की मौत कोरोना से नहीं हुई है। किसान नेताओं का आरोप है कि सरकार आंदोलन खत्म कराने के लिए कोरोना के दोबारा आने का प्रचार बहुत जोर शोर से कर रही है।

उन्होंने कहा कि आंदोलनकारी किसान जहां बैठे हैं, वहां बैठे रहेंगे। वे किसी भी सूरत में वहां से हटने वाले नहीं हैं। किसान नेताओं का कहना है कि सरकार ने पहले भी जन आवाजों को कोरोना का बहाना करके दबाया है। किसान आंदोलन को कोरोना का डर दिखाकर दबाया नहीं जा सकता है। सरकार ने अगर ऐसी कोशिश की तो आंदोलन और बढ़ेगा।

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