दिल्ली गाजियाबाद मेरठ के बाद अब दिल्ली अलवर रूट पर भी रैपिड रेल कॉरिडोर का निर्माण कार्य में तेजी आने वाली है। जी हां दिल्ली अलवर रूट पर रैपिड रेल कॉरिडोर के निर्माण में आने वाली अड़चनों को दूर कर लिया गया है। आपको बता दें अरावली बायोडायवर्सिटी पार्क में बनने वाले इस रैपिड रेल की भूमिगत हिस्से पर वन विभाग के रिज प्रबंधन बोर्ड द्वारा स्वीकृती मिल चुकी है।

अरावली बायोडायवर्सिटी पार्क नहीं आयेगी खरोंच

इसे रैपिड रेल कॉरिडोर के अन्तर्गत आने वाले अरावली बायोडायवर्सिटी पार्क के भूमिगत हिस्से को वन विभाग रिज प्रबन्धन द्वारा स्वीकृति मिल गई है। 280 हेक्टेयर क्षेत्र में बसे इस पार्क में पेड़ पौधों की 981 प्रजातियां हैं जबकि यहां पर 209 किस्म के पक्षियों व अतिथियों के 113 प्रजातियां पाई जाती है। यह विविधता की दृष्टि से महत्वपूर्ण इस पार्क को सुरक्षित रखने के लिए एनसीआरटीसी द्वारा रैपिड रेल के डिजाइन में बदलाव किया गया है। इस बदलाव के तहत 145 पेड़ों को कटने की अब जरूरत नहीं है।

दिल्ली-मेरठ, गुरग्राम और रेवाड़ी में जारी है काम

इसे रैपिड रेल कॉरिडोर के तहत दिल्ली एनसीआर की परिवहन परिवहन व्यवस्था को नया आयाम देने के लिए एनसीआरटीसी द्वारा दिल्ली मेरठ कॉरिडोर पर पर काम चल रहा है वहीं दिल्ली से गुरुग्राम और रेवाड़ी से अलवर तक भी लाइन को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

164 किलोमीटर लंबी होगा रूट

इसे रैपिड रेल कॉरिडोर को इस तरह से निर्माण किया जा रहा है ताकि दिल्ली में इसके रूट पर आने वाले पेड़ों का कटाव न हो। जानकारी के मुताबिक इससे रैपिड रेल लाइन 164 किलोमीटर लम्बी होगी जिसमें 70 किलोमीटर हिस्सा जमीन से ऊपर एलिवेटेड वहीं 36 किलोमीटर हिस्सा भूमिगत रहेगा। इसमें 3065 किलोमीटर का हिस्सा मोर पाए फॉलो जिकल रिज का है अरावली बायोडायवर्सिटी पार्क के नीचे से गुज़रेगा।

प्रोजेक्ट पर आएगा 36 हजार करोड़ खर्च

दिल्ली अलवर रैपिड रेल के 164 किलोमीटर के इस कॉरिडोर पर 36 हजार करोड़ खर्च का अनुमान है। जिसमें से 60 प्रतिशत रुपये विदेशी कम्पनियों का लगेगा। जबकि अन्य खर्च दिल्ली राजस्थान और हरियाणा राज्य की तरफ से वहन किया जाएगा।

 

 

 

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