दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी सरकार ने एनसीआर क्षेत्र से आने वाले यात्री वाहनों की निर्बाध आवाजाही की बाधाओं को दूर कर दिया है। इस संबंध में पिछले दिनों उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा के परिवहन निगम के साथ समझौता भी किया गया था। अब दिल्ली सरकार ने इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी है। इससे अब समझौते के तहत सभी राज्य सार्वजनिक परिवहन के वाहनों का निर्बाध आवागमन सुनिश्चित करेंगे।

अधिसूचना में कहा गया है कि दिल्ली से सटे राज्यों में सार्वजनिक परिवहन वाहनों की बिना किसी बाधा के आवाजाही सुनिश्चित किए जाने की जरूरत है। इससे सड़कों पर वाहनों का दबाव कम होने के साथ ही प्रदूषण के खिलाफ जंग में भी मदद मिलेगी। इसी को ध्यान में रखते हुए यह समझौता किया गय है। इसके मुताबिक एनसीआर में जिस राज्य में वाहन पंजीकृत है, वहां भुगतान किए गए लाइसेंस शुल्क के अलावा कोई अतिरिक्त परमिट या शुल्क का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होगी। हालांकि इन वाहनों के लिए परमिट/लाइसेंस पर प्रतिहस्ताक्षर की जरूरत होगी। अधिसूचना में कहा गया है कि स्टेज कैरिज वाहनों के साथ-साथ अनुबंध कैरिज वाहनों की आयु डीजल वाहनों के लिए 10 वर्ष और पेट्रोल और सीएनजी वाहनों के लिए पंद्रह वर्ष तक सीमित होगी।

दिल्ली-एनसीआर के लाखों लोगोें को होगा फायदा

यहां पर बता दें कि दिल्ली-एनसीआर के लाखों रोजाना अपने निजी साधनों से आवागमन करते हैं। यूपी, हरियाणा, राजस्थान के जरिये दर्जनभर से अधिर बार्डर से लाखों वाहन चालक दिल्ली में प्रवेश करते हैं। दिल्ली के साथ हुए समझौतों के बाद इन राज्यों से आने वाले वाहन चालक बेरोकटोक दिल्ली में प्रवेश कर पा रहे हैं। समझौते से लाखों वाहन चालकों ने राहत की सांस ली है।

जानिये- किसे हो रहा है फायदा

समझौता संयुक्त पारस्परिक आम परिवहन समझौता (सीआरसीटीए) के तहत हुआ है। इसके बाद सभी शैक्षणिक संस्थान वाहन और एनसीआर में आने जाने वाले परिवहन उपक्रमों के सभी चरण कैरिज बसों को इस समझौते के तहत कवर किया जाएगा। समझौते में एनसीआर में पंजीकृत मोटर कैब, टैक्सियों, आटो-रिक्शा आदि शामिल हैं।

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