दिल्ली उच्च न्यायालय ने निजामुद्दीन मरकज मस्जिद को रमजान के महीने के दौरान आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के निर्देशों के अनुसार खोला जाने की याचिका पर आदेश जारी किया है। इस आदेश में दिल्ली उच्च न्यायालय ने संबंधित अधिकारियों द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अधीन 50 लोगों को दिन में पांच बार निजामुद्दीन मरकज मस्जिद में नमाज अदा करने की अनुमति दी है।

आपको बता दें कि 10 अप्रैल से डीडीएमए द्वारा प्रतिबंधित निजामुद्दीन मरकज में गुरुवार को एक हलफनामा दायर किया गया था। जिसपर अदालत ने केंद्र और दिल्ली द्वारा प्रस्तुत एक प्रस्ताव को खारिज कर दिया और रमजान के दौरान 200 लोगों की पुलिस सत्यापित सूची में से केवल 20 व्यक्तियों को मस्जिद में प्रवेश करने की अनुमति दी थी। यह संख्या अब उच्च न्यायालय ने बढ़ाकर अब 50 कर दी है।

हालांकि मंगलवार को अदालत में भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बयान दिया था जिस पर सभी धार्मिक सभाओं पर प्रतिबंध लगाने की उन्होंने बात कही थी। इस पर वक्फ बोर्ड का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता रमेश गुप्ता ने अदालत के समक्ष करोलबाग हनुमान मन्दिर की तस्वीरें व हरिद्वार में होने वाले कुंभ का जिक्र किया और पूछा कि क्या केंद्र सरकार के नियम वहां लागू नहीं है और कई केवल मुसलमानों के लिए हैं। जिसके बाद अदालत ने केंद्र से जवाब माँगा था।

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