ओखला और हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशनों के बीच अब स्वचालित सिग्नल प्रणाली शुरू हो गई है। इससे अब नई दिल्ली से पलवल तक पूरे रेलखंड पर स्वचालिक सिग्नल प्रणाली की सुविधा हो गई है। इससे ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने और सुरक्षित परिचालन में मदद मिलेगी।

दिल्ली-पलवल रेलखंड पर सिर्फ ओखला से हजरत निजामुद्दीन स्टेशनों के बीच स्वचालित सिग्नल प्रणाली नहीं थी। इन दो स्टेशनों के बीच परंपरागत सिग्नल प्रणाली से ट्रेनों की आवाजाही होती थी। अब इस मामले में पूरे रेलखंड पर एकरूपता हो गई है। इससे बेहतर तरीके से रेल परिचालन हो सकेगा। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि स्वचालित ब्लाक सिग्नलिंग (एबीएस) ट्रेन की एक प्रणाली है जिसमें ट्रेनों की आवाजाही स्वचालित स्टाप सिग्नल द्वारा नियंत्रित होती है। इस तरह के सिग्नल ट्रेनों के गुजरने के बाद अपने आप संचालित होते हैं।

स्वचालित संकेतों को संचालित करने से कर्मचारियों की संख्या भी कम हो जाती है जिससे परिचालन लागत में कमी आती है। इस आधुनिक प्रणाली से मानवीय त्रुटि को समाप्त करने में मदद मिलती है जिससे ट्रेनों के सुरक्षित परिचालन सुनिश्चित करने में मदद मिलती है। उच्च गति ज्यादा भार क्षमता वाले ट्रेन व मालगाड़ी चलाने के लिए इस तरह की स्वचालित सिग्नल की आवश्यकता होती है। दिल्ली से मुंबई के बीच ट्रेनों की रफ्तार 160 किलोमीटर प्रति घंटे करने का काम चल रहा है। दिल्ली-पलवल रेलखंड से होकर गतिमान, शताब्दी और राजधानी एक्सप्रेस जैसी महत्पवूर्ण ट्रेनें गुजरती हैं।

मंडल रेल प्रबंधक डिंपी गर्ग ने कहा कि दिल्ली मंडल ने नई दिल्ली-पलवल रेल खंड में दिल्ली क्षेत्र में एक समान सिग्नलिंग व्यवस्था करने का काम पूरा कर लिया है। भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।

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