दिल्ली-एनसीआर में आए दिन आप मोबाइल फोन सहित कई कीमती सामानों की पॉकेटमारी और चोरी की खबरें सुनते होंगे. किसी के साथ भी इस तरह की घटना होने के बाद उसे कम ही उम्मीद रहती है कि सामना वापस मिलेंगे और इस वजह से पुलिस थाने में शिकायत भी दर्ज नहीं कराते. लेकिन आज हम आपको एक ऐसी ख़बर बताने जा रहे हैं, जो हैरान करने के साथ-साथ आपकी उम्मीद को भी जगा देगी.

 

दरअसल ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ की एक ख़बर के अनुसार दिल्ली पुलिस ने इस साल 19 करोड़ रुपये, 49 किलोग्राम से अधिक ज्वेलरी और 7,000 गाड़ियों के साथ-साथ चुराए गए लगभग 13 हजार मोबाइल फोन बरामद किए हैं. बरामद किए गए 49 किलो से अधिक के ज्वेलरी में 1,509 सोना, 43 हीरे और 350 चांदी शामिल हैं. पुलिस ने लगभग 544 लैपटॉप, पीसी, सीसीटीवी, एचडीडी और पेन ड्राइव और 3,648 घरेलू सामान भी बरामद किए हैं. पुलिस के एक अधिकारी के मुताबिक पुलिस ने इस तरह की घटना को अंजाम देने वालों को भी गिरफ्तार किया है.

कई लोगों को लौटाया गया उसका मोबाइल

पुलिस के एक अधिकारी का कहना है कि पॉकेटमार आमतौर पर सॉफ्ट टारगेट की तलाश में रहते हैं और मोबाइल को छिनना सबसे आसान होता है. हमने 13,684 मोबाइल फोन बरामद किए हैं और कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद कई मोबाइल तो जिनका था, उन्हें लौटा भी दिया गया है. हालांकि कई कई मोबाइल नहीं लौटाया जा सकता क्योंकि जिन लोगों के मोबाइल चोरी हुए थे, उन्होंने कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई थी. पुलिस का कहना है कि इस तरह की घटना को अंजाम देने का मकसद आसानी से पैसे कमाना होता है.

 

3,028 एटीएम और सिम कार्ड भी बरामद

दिल्ली पुलिस ने इस दौरान 5,830 दोपहिया, 339 टीएसआर, ई-रिक्शा और 926 चौपहिया वाहन भी बरामद किए है. वहीं अपराधियों के पास से 3,028 एटीएम और सिम कार्ड भी बरामद किए गए है. पुलिस का कहना है कि एटीएम धोखाधड़ी के कई मामलों में ये देखा गया है कि आरोपी ने एक व्यक्ति की मदद करने के बहाने अपने कार्ड बदल लिए और बाद में उसका डिटेल्स हासिल कर पैसे निकाल लिए. गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस आयुक्त का पद संभालने के बाद राकेश अस्थाना ने अधिकारियों को निर्देश दिया था कि गिरफ्तारी करने के अलावा पुलिस को चोरी के सामान की बरामदगी और उसे सही मालिकों को सौंपने पर भी ध्यान देना चाहिए.

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