दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों की रोकथाम के लिए ग्रेडेड एक्शन रेस्पांस प्लान (ग्रेप) लागू होने से मेट्रो में यात्री खड़ा होकर या सभी सीट पर बैठ कर सफर नहीं कर पाएंगे। अब मेट्रो में एक बार फिर यात्रियों को एक सीट छोड़कर बैठना होगा। वहीं सभी मेट्रो स्टेशनों पर औसतन दो गेट ही खुले रहेंगे। इस वजह से यात्रियों की परेशानी बढ़ सकती है। खासतौर पर व्यस्त समय में नौकरी पेशेवर लोगों को मेट्रो के लिए इंतजार करना पड़ सकता है। इस वजह से स्टेशनों के बाहर यात्रियों की लंबी लाइनें लग सकती है। इसलिए बहुत जरूरी हो तभी यात्री सफर करें।

दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) के जनसंपर्क कार्यकारी निदेशक अनुज दयाल ने कहा कि बैठने की 50 प्रतिशत क्षमता के साथ मेट्रो का परिचालन होगा। इसके मद्देनजर दिशा निर्देश का पालन करने के लिए मेट्रो स्टेशनों पर यात्रियों के प्रवेश को नियंत्रित किया जाएगा। मौजूदा समय में दिल्ली मेट्रो के 255 स्टेशनों पर कुल 712 गेट हैं। जिसमें से 444 गेट खुले रहेंगे। इस तरह मेट्रो स्टेशनों पर करीब 61 प्रतिशत गेट ही खुलेंगे। बाकी 39 प्रतिशत गेट बंद रहेंगे।

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कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर मेट्रो में संक्रमण से बचाव के नियमों का पालन नहीं करने पर सख्ती बढ़ा दी गई है। पिछले माह नवंबर में कोरोना से बचाव के नियमों का पालन नहीं करने पर 6588 यात्रियों के चालन काटे गए थे। इस माह अब तक करीब सात हजार यात्रियों के चालन काटे जा चुके हैं।

उल्लेखनीय है कि दूसरी लहर के दौरान मेट्रो का परिचालन बंद हो गया था। सात जून को मेट्रो का परिचालन शुरू हुआ। तब बैठने की 50 प्रतिशत क्षमता के साथ मेट्रो का परिचालन शुरू किया गया था। इस वजह से स्टेशनों पर एक या दो गेट खुला होने से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा था। कुछ माह बाद मेट्रो की सभी सीट पर यात्रियों को बैठकर सफर की स्वीकृति मिली। 22 नवंबर से 100 प्रतिशत बैठने की क्षमता के साथ प्रत्येक कोच में 30 यात्रियों के खड़े होकर सफर की स्वीकृति दी गई थी। उस दिन से मेट्रो स्टेशनों पर सभी गेट खोल दिए गए थे। इससे मेट्रो में यात्रियों की संख्या बढ़ी थी।

प्रत्येक कोच में सिर्फ 25 यात्री कर पाएंगे सफर

मेट्रो के कोच में करीब 50 यात्रियों के बैठने के लिए सीट होती है। इस लिहाजा आठ कोच की मेट्रो में 400 सीट उपलब्ध होती है। ग्रेप लागू होने से अब एक कोच में 25 यात्री सफर कर पाएंगे। इस लिहाज आठ कोच की मेट्रो में 200 व छह कोच की मेट्रो में करीब 150 यात्री सफर कर पाएंगे। वैसे मेट्रो के कोच में यात्रियों के खड़े होने के लिए जगह अधिक होती है। इस लिए एक कोच में करीब 350 यात्रियों के सफर करने की क्षमता होती है। इस लिहाज से मेट्रो का परिचालन करीब पांच प्रतिशत क्षमता के साथ ही होगा।

मंगलवार को मेट्रो खड़े होकर भी यात्रियों ने किया सफर

ग्रेप का निर्देश मंगलवार से लागू हो गया है लेकिन मेट्रो में शाम को भी यात्रियों ने खड़े होकर सफर किया। इस वजह से पहले दिन मेट्रो में ग्रेप के नियमों का पालन नहीं हुआ। बुधवार से इसका पालन शुरू होगा।

कुछ तो अभी भी कर रहा हूँ आप लोगो के लिये ख़ैर आप email पर लिख भेजिए मुझे [email protected] पर

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