राजधानी में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए पब्लिक बाइक शेयरिंग (पीबीएस) नीति को मंजूरी दी गई है। इस नीति के तहत प्रदूषण को कम करने के लिए जगह-जगह पर ई-साइकिल स्टैंड बनाए जाएंगे। इससे न केवल लास्ट माइल कनेक्टिविटी को पूरा किया जाएगा, बल्कि कार-फ्री डे या साइकिल डे जैसी योजनाओं को भी प्रोत्साहित किया जाएगा। हालांकि यह कब से लागू होगा, फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है, लेकिन निगम ने इसे लागू कने के लिए 100 के करीब पीबीएस स्टैंड बनाने के लिए काम शुरू कर दिया है। निगम ने इसके लिए आवेदन आमंत्रित कर दिए हैं। ऐसे में इसमें वह कंपनियां भाग ले सकती हैं, जिनके पास दूसरे शहरों मे पीबीएस व्यवस्था को लागू करने का अनुभव हो।

लाभकारी परियोजना विभाग (आरपीसेल) के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार उत्तरी निगम क्षेत्र में प्रतिदिन दो करोड़ की आबादी स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ रोजगार और शिक्षा के लिए आती है। इसमें बहुत बड़ी संख्या में लोग बस और मेट्रो का उपयोग करते हैं, लेकिन ऐसी भी संख्या है जो लास्ट माइल कनेक्टिविटी की पर्याप्त सुविधा न होने की निजी कारों और अन्य वाहनों के उपयोग पर विवश है। इसे देखते हुए निगम ने पीबीएस नीति को मंजूरी दी है।

इस नीति से लोगों को लास्ट माइल कनेक्टिविटी की सुविधा उपलब्ध कराना है। उन्होंने कहा कि 25 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से चलने वाली ई-बाइक लोगों को उपलब्ध कराई जाएगी। ये साइकिल स्टैंड पूरी तरह से मानव रहित होंगे। इसमें एप के माध्यम से साइकिल को किराये पर लिया जा सकेगा। अधिकारी ने बताया कि पीबीएस व्यवस्था के तहत जब 100 स्टैंड बन जाएंगे तो इसमें नो कार संडे और साइकिल डे नाम से मनाया जाएगा। निगम से संबंधित सभी एजेंसियों से बातचीत की जाएगी, ताकि यह प्रभावी तरीके से लागू हो सके।

मेट्रो स्टेशन और बस स्टाप के नजदीक होंगे स्टैंड

निगम के अनुसार लास्ट माइल कनेक्टिविटी की सुविधा नागरिकों को देने के लिए मेट्रो स्टेशन, रेलवे स्टेशन, बस स्टाप, महत्वपूर्ण व्यावसायिक केंद्र व शैक्षणिक संस्थान के साथ पर्यटन के लिहाज से महत्वपूर्ण रिहायशी एवं कला केंद्रों के पास ये स्टैंड बनेंगे। इसका उद्देश्य होगा कि कोई भी नागरिक एक स्टैंड से साइकिल किराये पर लेकर दूसरे स्टैंड पर छोड़ सकेगा। उल्लेखनीय है कि निगम ने इससे पूर्व साइकिल स्टैंड बनाए थे, लेकिन ई-साइकिल के प्रचलन की वजह से यह साइकिल स्टैंड ज्यादा उपयोगी साबित नहीं हुए।

राजस्व कमाना नहीं होगा उद्देश्य, सुविधा देने पर जोर

निगम का उद्देश्य लोगों को सुविधा देना है। अधिकारी ने बताया कि फिलहाल इसके दाम तय नहीं हुए हैं कि साइकिल का किराया कितना होगा, लेकिन जो भी होगा बहुत किफायती होगा। उन्होंने बताया कि हमारा उद्देश्य राजस्व कमाना नहीं है, बल्कि लोगों को सुविधा देना है और प्रदूषण जैसी समस्या को कम करने में अपना योगदान देना है।

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