दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने इस साल चौथी बार बिना आरएफआईडी (रेडियो फ्रिक्वैंसी आइडेंटीफिकेशन डिवाइस) टैग व्यावसायिक वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित करने का आदेश शुक्रवार जारी किया है। तीन बार की नाकामी के बाद अब एमसीडी दावा कर रही है कि इस बार कोई ढील नहीं दी जाएगी। इसके लिए 124 टोल नाकों पर सभी  बंदोबस्त किए गए हैं। वाहनों में आरएफआईडी नहीं होने या टैग में रिचार्ज न होने पर कार्रवाई होगी। जरूरी होने पर वाहनों का पंजीकरण भी रद्द किया जा सकता है। इसके लिए दिल्ली सरकार के विभाग को पत्र लिखा जा रहा है।

 

दिलचस्प यह कि इससे पहले इसी साल दक्षिणी निगम ने आरएफआईडी सिस्टम को तीन बार इसी तरह का आदेश जारी किया था। जून, अगस्त और सितम्बर के आदेश में भी कमोवेश इसी तरीके का आदेश जारी हुआ था। शुरुआत में कुछ सख्ती दिखी, लेकिन बाद ही निगम ने अपने ही आदेश का ढीला कर दिया। एमसीडी का कहना है कि उस वक्त टोल नाकों पर जाम लगता था। इससे लोगों को खासी परेशानी होती थी। इसको देखते हुए ढिलाई बरती गई थी। लेकिन इस बार ऐसी कोई छूट नहीं मिलेगी।

 

 

दक्षिणी निगम के महापौर मुकेश सूर्यान के मुताबिक, अब सख्ती के बावजूद टोल प्वाइंट्स पर जाम नहीं लग रहा। दक्षिण निगम ने अब बिना आरएफआईडी टैग व टैग में अपर्याप्त रिचार्ज वाले विशिष्ट वाणिज्यिक वाहनों पर पूर्ण रूप से रोक लगा दी है। टोल नाकों के नियमित रूप से निरीक्षण के लिए एनफोर्समेंट टीमों का गठन किया गया है, जो नियमित रूप सेनिगरानी कर रही हैं। उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई हो रही है। उन्होंने बताया कि आरएफआईडी प्रणाली यह सुनिश्चित करती है, कि सभी वाणिज्यिक वाहन कर और पर्यावरण क्षतिपूर्ति शुल्क (ईसीसी) का भुगतान आरएफआईडी टैग से करें और भुगतान नकदी रहित हो।

 

सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का अनुपालन

दिल्ली में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय ने 2016 में पहली बार सभी टोल नाकों पर रेडियो फ्रिक्वैंसी आइडेंटीफिकेशन डिवाइस व्यवस्था लगाने और टोल टैक्स व पर्यावरण क्षतिपूर्ति शुल्क वसूली के आदेश दिए थे, ताकि मुख्य प्रवेश नाकों से वाहन बिना किसी गतिरोध के प्रवेश कर सकें और प्रदूषण भी कम हो। न्यायालय ने एनएचएआई अथवा दिल्ली सरकार को इस सिस्टम को लागू कराने के लिए कहा था।

 

इसके बाद दिल्ली सरकार ने एक याचिका के माध्यम से न्यायालय को इस काम के लिए दक्षिणी निगम के नाम का सुझाव दिया था। सबसे पहले 2017 में दक्षिणी निगम ने न्यायलय के आदेश का अनुपालन शुरू किया और दिल्ली के 13 टोल प्वाइंट पर आरएफआईडी बूम बैरियर लगाया गया था। दिल्ली के सभी टोल प्वाइंट्स पर यह सिस्टम लागू कराने के लिए सर्वोच्च न्यायालय ने दक्षिणी निगम को 120 करोड़ रुपया की मंजूरी प्रदान की थी। दक्षिणी निगम ने 2020 में दिल्ली के बाकी 111 टोल प्वाइंट्स पर हैंड हेल्ड आरएफआईडी सिस्टम लागू किया।

 

ये टोल प्वाइंट जहां होती है 80 फीसदी एंट्री

कुंडली, राजोकरी, टीकरी, शाहदरा, गाजीपुर, डीएनडी, कापसहेड़ा, बदरपुर जैसे 13 टोल प्वाइंट हैं, जहां से दिल्ली में करीब 80 फीसदी व्यावसायिक वाहनों की एंट्री होती है। दक्षिणी निगम के मुताबिक अब सभी 124 टोल प्वाइंट हैं, जहां आरएफआईडी से टोल वसूली करने के लिए दक्षिणी निगम नोडल एजेंसी है।

कुछ तो अभी भी कर रहा हूँ आप लोगो के लिये ख़ैर आप email पर लिख भेजिए मुझे [email protected] पर

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