राष्ट्रीय राजधानी में तिपहिया वाहन के लिए प्रति किलोमीटर पर किराये में डेढ़ रुपये और टैक्सियों के लिए आधार शुल्क (बेस फेयर) में 15 रुपये की वृद्धि के प्रस्ताव के साथ ही ऑटो रिक्शा एवं टैक्सी का भाड़ा शीघ्र बढ़ने जा रहा है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किराये में वृद्धि के प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी गई है और अगली बैठक में उसे मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल के सामने पेश किए जाने की संभावना है।

 

परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने इस बात की पुष्टि की कि सरकार किराया बढ़ाने की योजना बना रही है। अधिकारियों के अनुसार सीएनजी के दाम बढ़ने के कारण किराये में बढ़ोतरी की जरूरत उत्पन्न हुई है। सरकार ने अप्रैल में 13 सदस्यीय किराया संशोधन समिति बनाई थी। समिति ने तिपहिया वाहनों के लिए किराये में प्रति किलोमीटर एक रुपये की वृद्धि और टैक्सियों के किराये में 60 फीसद तक वृद्धि की सिफारिश की थी।

अधिकारियों ने कहा कि ऑटो रिक्शा के लिए मीटर डाउन शुल्क पहले के 25 रुपये आधार शुल्क से बढ़ाकर 30 रुपये कर दिया जाएगा औरउसके बाद प्रति किलोमीटर साढ़े नौ रुपये के बजाय 11 रुपये वसूला जाएगा।

 

इसी प्रकार टैक्सियों के लिए मीटर डाउन शुल्क अब 25 के बजाय 40 रुपये होगा और गैर एसी टैक्सियों के लिए प्रति किलोमीटर 14 रुपये के बजाय 17 रुपये व एसी टैक्सियों के लिए 16 के बजाय 20 रुपये देने होंगे। एप आधारित संचालकों ने पहले ही किराया बढ़ा दिया था, जबकि ऑटो रिक्शा एवं टैक्सियों के किराये में संशेाधन नहीं हुआ था, जो सरकार के निमयों से संचालित होते हैं।

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