अगले साल होने वाले निगम चुनाव से पूर्व भाजपा शासित दक्षिणी निगम ने व्यापारियों को बड़ा तोहफा दिया है।

लैंड एंड डेवलपमैंट (एलएंडडीओ) की जमीन पर बनी दुकानों और मार्केट को फ्री होल्ड करने के लिए निगम ने कटआफ डेट 2000 से बढ़ाकर वर्ष 12 जनवरी 2013 कर दी है। इनसे इन दुकानों और बाजार के लोगों को अपनी संपत्ति का मालिकाना हक देने का रास्ता खुल गया है। इसका सर्वाधिक लाभ उन लोगों को होगा जिन्होंने इन मार्केट में वर्ष 2000 से 2013 के बीच में संपत्ति खरीदी थी।

कटआफ डेट बढ़ाने के अधिकारिक आदेश दक्षिणी निगम ने जारी कर दिए हैं।

दक्षिणी निगम के महापौर मुकेश सुर्यान ने बताया कि हम लगातार व्यापारियों के हित फैसलें ले रहे हैं। बीते दिनों ही हमने संपत्तिकर की दरों में कटौती का फैसला लिया था अब हमने एलएंडडीओ की मार्केट व दुकानों को फ्री होल्ड करने के लिए कटआफ डेट बढ़ा दी है। जिससे बड़ी संख्या में व्यापारियों को लाभ होगा।

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साथ ही उनको उनकी संपत्तियों का मालिकाना हक देने का रास्ता खुल गया है।

महापौर ने कहा कि व्यापारियों की मांग को पूरा करके उनको राहत देने का कार्य किया है। सुर्यान ने बताया कि केंद्र सरकार सरकार निर्धारित शुल्क के आधार पर फ्री होल्ड किया जाएगा। इस योजना के लाभ के लिए लिए संपत्ति मालिकों को आठ मई 2022 तक आवेदन करना होगा। संपत्तियों के फ्री होल्ड कराने से निगम को 15 करोड़ से ज्यादा राजस्व आने की उम्मीद है। उल्लेखनीय है कि निगम पास करीब 38 मार्केट हैं इसमें 1200 से ज्यादा दुकानें हैं।बाक्समेहरचंद मार्केट के पुर्निविकास का भी खुला रास्तादक्षिणी निगम की मेहरचंद्र मार्केट के पुनर्विकास का रास्ता खुल गया है। निगम ने इस मार्केट के फ्री होल्ड के बाद पुनर्विकास की पहले ही अनुमति दे दी थी, लेकिन कटआफ डेट वर्ष 2000 की होने से व्यापारियों को काफी दिक्कत हो रही थी।

बड़ी संख्या में व्यापारी ऐसे थे जिन्होंने संपत्ति की खरीद निर्धारित की गई कटआफ डेट के बीच ही की थी।

अगर, कटआफ डेट न बढ़ती तो बहुत सारे व्यापारी फ्री होल्ड की योजना से लाभान्वित नहीं हो पाते। बाक्स नहीं है आवंटन पत्र तो आयकर रिटर्न को भी मानेगा निगमदुकानों का मालिकाना हक लेने के लिए व्यापारियों के पास अगर संपत्ति का आवंटन पत्र या खरीदने के कागज नहीं है तो भी आसानी से मालिकाना हक लिया जा सकेगा। निगम ने इसकी प्रक्रिया भी सरल की है।

लैंड एंड एस्टेट विभाग के उपायुक्त प्रेम शंकर झा ने बताया कि ऐसे दुकानदार जिनके पास संपत्ति के पार्टनरशिप का प्रमाण नहीं है और वह 12 जनवरी 2013 से संपत्ति में व्यापार कर रहे हैं तो वह भी मालिकाना हक के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें आयकर रिटर्न, बैंक स्टेटमैंट और व्यापार से संबंधित लेन -देने का विवरण प्रस्तुत कर योजना का लाभ उठा सकते हैं।

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