देश के पहले रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) के अंतर्गत रैपिड रेल को चलाने का ट्रायल मई 2022 से शुरू हो जाएगा। इसके लिए गुजरात स्थित सावली में बांबार्डियर ट्रांसपोर्टेशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के प्लांट से मार्च से रैपिड रेल की खेप के आने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। यहीं पर स्वदेशी तकनीक से रैपिड रेल के डिब्बे बनाए जा रहे हैं। पहले चरण में करीब 11 रैपिड रेल आएंगी।

 

 

आरआरटीएस का पहला कारिडोर दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ है।

82 किमी लंबे इस कारिडोर पर सबसे पहले दुहाई से साहिबाबाद के बीच रैपिड रेल चलेगी। 17 किमी के हिस्से पर दिसंबर 2022 से यात्रियों के लिए रैपिड रेल का संचालन शुरू हो जाएगा। वैसे तो पहले इस हिस्से पर रेल संचालन का लक्ष्य मार्च 2023 था लेकिन पिछले साल इसका लक्ष्य घटा दिया गया था। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) अब कंस्ट्रक्शन कंपनियों से घटाए गए लक्ष्य के अनुसार कार्य करा रहा है। छह डिब्बों की रैपिड रेल चूंकि गुजरात में तैयार हो रही है, इसलिए दुहाई तक लाने के लिए लंबा मार्ग हो जाएगा। ऐसे में उसके कुछ उपकरण वहां से लाने के बाद दुहाई डिपो में असेंबल होंगे। करीब 11 रेल आएंगी। इन सभी को असेंबल करने का कार्य मई तक पूरा कर लिया जाएगा, फिर उसी के साथ डिपो में ही ट्रायल शुरू हो जाएगा।

 

 

नवंबर तक सभी तरह का ट्रायल, दिसंबर में हरी झंडी

 

नवंबर तक रेल को चलाने से लेकर टिकट काउंटर, लिफ्ट, टोकन, प्लेटफार्म आदि सभी का ट्रायल पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद दिसंबर में प्रधानमंत्री द्वारा इसे हरी झंडी दिखाई जाएगी।

 

 

परियोजना पर एक नजर

 

  1. ’ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मार्च 2019 में किया था शिलान्यास
  2. ’ 150 से 160 किमी प्रति घंटे की गति से चलेगी
  3. ’ 82 किमी की दूरी 55 से 60 मिनट में पूरी करेगी
  4. ’ हर मौसम में रहेगी समान रफ्तार

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