आम जनता के स्वास्थ्य का ध्यान रखने के साथ-साथ दिल्ली की आप सरकार बेघरों के स्वास्थ्य का भी पूरा ध्यान रख रही है। कोरोना के संक्रमण को देखते हुए हर जिले में एक आइसोलेशन सेंटर बनाया गया है। यहां पर बीमार बेघरों को प्राथमिक उपचार के बाद उन्हे अस्पतालों में भर्ती कराया जा रहा है। अभी तक 2808 बेघरों को सड़क से उठाकर रैन बसेरा में पहुंचाया गया, जिसमे कई बीमार भी मिले हैं, जिन्हें इन आइसोलेशन सेंटरों में रखा गया है।राजधानी में सड़क पर लेटने वाले बेघर लोगों को रैनबसेरा तक पहुंचाने के लिए 16 टीमें बनाई गई हैं। यह टीमें 20 नवंबर से काम कर रही हैं। इस समय 276 रैन बसेरों में 6625 लोग रह रहे हैं। 38 बेसहारा लोगों को अब तक आम जनता की सूचना पर रैनबसेरा में पहुंचाया गया है। हालांकि, 10 बेघर दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड  की टीम पहुंचने से पहले ही वहां से भाग गए। 43 बेघरों ने रैन बसेरों में जाने से इन्कार कर दिया।

स्वास्थ्य विभाग की टीमें सप्ताह में दो बार रैन बसेरों का दौरा कर रही हैं। कोरोना को देखते हुए रैन बसेरों में थर्मल स्क्री¨नग की व्यवस्था की गई है। बचाव दलों को भी थर्मल मशीनें दी गई हैं, ताकि वह उन्हें वाहन में बैठाने से पहले जांच कर लें। डूसिब बेघरों के लिए रैन बसेरा चलाता है। दिल्ली में 193 रैन बसेरे स्थायी रूप से बने हैं। इन रैन बसेरों के अलावा पिछले साल के 70 अस्थायी टेंटों में चलने वाले रैन बसेरों के स्थान पर इस बार 250 टेंट लगाए जाएंगे। इसमें 83 स्थानों पर 150 वाटर प्रूफ टेंट लगाए जा चुके हैं। डूसिब ने 4 हजार फायर प्रूफ चारपाई खरीदीं डूसिब इस प्रयास में है कि इस बार सभी बेघरों को चारपाई उपलब्ध कराई जाएं। इसके लिए एक खास केमिकल के लेप वाली 4 हजार चारपाई खरीदी गई हैं। इससे यह चारपाई आग नहीं पकड़ेंगी। इसके अलावा कई जगह बेघरों को रात्रि विश्राम के लिए इस बार बंकर बेड उपलब्ध कराए गए हैं।

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