दीपावली से ठीक एक दिन पहले केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने देश को एक बड़ा तोहफा देने का फैसला किया है. केंद्र सरकार देश की 130 करोड़ जनता को महंगाई से राहत देने का फैसला करते हुए पेट्रोल और डीजल पर लगाई जाने वाली एक्साइज ड्यूटी में कटौती कर रही है.

केंद्र सरकार देशभर में डीजल पर 10 रुपये और पेट्रोल पर 5 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी कम करने जा रही है, जिससे डीजल के दाम में 10 रुपये और पेट्रोल के दाम में 5 रुपये प्रति लीटर की कटौती हो जाएगी. एक्साइज ड्यूटी कम होने के बाद देशभर में 4 नवंबर से पेट्रोल और डीजल सस्ता हो जाएगा.

देशभर में उच्चतम स्तर पर हैं पेट्रोल-डीजल के दाम

राजधानी दिल्ली में पेट्रोल के दाम 110.04 रुपये प्रति लीटर और डीजल के दाम 98.42 रुपये प्रति लीटर के उच्चतम स्तर को छू चुके हैं. पेट्रोल और डीजल के दाम की वजह से आम आदमी का बजट बुरी तरह से बिगड़ गया है. डीजल के आसमान छूते दामों की वजह से ही आम महंगाई भी सातवें आसमान पर पहुंची हुई है. हालांकि, पेट्रोल के दाम पर 5 रुपये और डीजल के दाम पर 10 रुपये की एक्साइज ड्यूटी कम करने से आम आदमी को थोड़ी राहत तो जरूर मिलेगी लेकिन पेट्रोल के दाम में होने वाली 5 रुपये की गिरावट के बाद भी ये 100 रुपये से ऊपर ही रहेगा.

क्या है एक्साइज ड्यूटी

एक्साइज ड्यूटी को एक्साइज टैक्स के नाम से भी जाना जाता है. ये एक तरह का अप्रत्यक्ष टैक्स होता है जो किसी वस्तु के उत्पादन पर वसूला जाता है. बता दें कि किसी वस्तु का निर्माता या मैन्यूफैक्चरर अपने उत्पाद पर एक्साइज ड्यूटी लगाकर ग्राहकों से वसूलता है. मैन्यूफैक्चरर, अपने उत्पाद पर लगाई जाने वाली एक्साइज ड्यूटी, उस वस्तु पर लगाए जाने वाले बाकी टैक्स के साथ जोड़कर वसूलता है. जिसके बाद वह अपने उत्पाद पर ग्राहकों से वसूल की गई एक्साइज ड्यूटी की रकम को सरकार के पास जमा कर देता है. जिससे सरकार रोजाना करोड़ों रुपये का रेवेन्यू जनरेट करती है.

भारत में कब लागू हुआ था एक्साइज ड्यूटी का नियम

भारत में आजादी से पहले ही 26 जनवरी, 1944 को एक्साइज ड्यूटी का नियम लागू कर दिया गया था. एक्साइज ड्यूटी या एक्साइज टैक्स एक ऐसा टैक्स है, जो सिर्फ किसी उत्पाद की बिक्री पर लगाया जाता है. इसके अलावा बिक्री के लिए तैयार किए गए उत्पाद पर भी एक्साइज ड्यूटी लगाई जाती है. एक्साइज ड्यूटी को अब सेंट्रल वैल्यू ऐडेड टैक्स (CENVAT) भी कहा जाता है. किसी भी उत्पाद पर एक्साइज ड्यूटी लगाने का मुख्य उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा राजस्व इकट्ठा करना है, ताकि देश के विकास में उसका इस्तेमाल किया जा सके.

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