क्या है संजीवनी परियोजना ?

‘संजीवनी परियोजना उन ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा देखभाल का विस्तार करेगी जहां वायरस की दूसरी लहर के फैलने और इस बीमारी के इलाज के बारे में जागरूकता कम है। इस मामले में अधिकारियों का मानना है कि सही प्रक्रियाओं और समुचित देखभाल से 90 प्रतिशत से अधिक रोगियों का घर पर ही इलाज किया जा सकता है।

ऐसे करेगा काम

कोरोना के मरीजों की देखभाल अब उनके घर पर ही की जाएगी। उन्हें इलाज के लिए घर से नहीं निकलना होगा और न ही अस्पताल जाना पड़ेगा। अब अस्पतालों में बिस्तरों की उपलब्धता, ऑक्सीजन की आपूर्ति, एंबुलेंस ट्रैकिंग और घर-घर जागरूकता अभियान जैसे महत्वपूर्ण संसाधनों के प्रबंधन के लिए एक एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्र प्रदान करेगी।परियोजना के तहत कोविड हॉटलाइन का संचालन होगा, जो संदिग्ध या क्लीनिक में इलाज किए गए कोविड-19 के रोगियों को बुनियादी प्रशिक्षण व मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए मौजूदा कॉल सेंटर की क्षमताओं को बढ़ाएगी। कोविड-19 के हल्के से मध्यम मरीजों को उपचार और निगरानी प्रदान करने के लिए टेलीमेडिसिन व आभासी स्वास्थ्य क्षमताओं को बढ़ाएगी। होम केयर किट का वितरण किया जाएगा, जिसमें एक मास्क, एक ऑक्सीमीटर, एक थर्मामीटर और बुनियादी दवाएं शामिल हैं।

गांव में भी फ़ैल रहा संक्रमण

अब संक्रमण धीरे-धीरे गांवों में फैलना शुरू हुआ है। COVID19 जब गांवों में फैलना शुरू हुआ तब विचार आया कि हमें नीचे तक घर-घर जाकर लोगों की टेस्टिंग करनी होगी, तब हमने 8,000 टीमें बनाईं। हमारे 6,500 गांवों में से 5,000 गांवों में हमारी टीमें पहुंच चुकी हैं

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