एक जनवरी से जीएसटी में कई बड़े बदलाव होने वाले हैं। इन बदलावों में ई-कामर्स आपरेटरों पर पैसेंजर ट्रांसपोर्ट या रेस्तरां सर्विसेज के माध्यम से प्रदान की जाने वाली सेवाओं पर टैक्स का भुगतान करने का दायित्व शामिल है। साथ ही फुटवियर और टेक्सटाइल सेक्टर में इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर में सुधार भी इसी दिन से लागू हो जाएंगे। जिसके बाद फुटवियर पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। अभी यह दर पांच प्रतिशत है। इसी तरह काटन को छोड़कर सभी टेक्सटाइल उत्पादों पर भी 12 प्रतिशत जीएसटी (अभी पांच प्रतिशत है) लगेगा।

 

आटो रिक्शा चालकों द्वारा आफलाइन या मैनुअल मोड के माध्यम से प्रदान की जाने वाली पैसेंजर ट्रांसपोर्ट सर्विस पर छूट जारी रहेगी। हालांकि किसी भी ई-कामर्स प्लेटफार्म के माध्यम से प्रदान की जाने वाली ऐसी सेवाओं पर एक जनवरी से पांच प्रतिशत टैक्स लगेगा। नए बदलाव के बाद स्विगी और जोमैटो जैसे ई-कामर्स आपरेटरों को एक जनवरी से उनके द्वारा प्रदान की जाने वाली रेस्तरां सेवाओं पर जीएसटी चुकाना होगा

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उन्हें ऐसी सेवाओं के संबंध में चालान भी जारी करना पड़ेगा। हालांकि इससे उपभोक्ताओं पर कोई बोझ नहीं पड़ेगा, क्योंकि इस समय रेस्तरां जीएसटी जमा कर रहे हैं। केवल जमा और चालान जुटाने के अनुपालन को अब फूड डिलीवरी प्लेटफार्मो पर स्थानांतरित कर दिया गया है। इन प्लेटफार्म को उत्तरदायी बनाने से कर चोरी पर अंकुश लगेगा।

 

 

जीएसटी कानून में संशोधन के बाद अब अधिकारी बिना कारण बताओ नोटिस कंपनी के परिसर में आ सकते हैं। अगर फार्म में दिखाया गया टैक्स इनवाइस में दिखाए गए चालान से कम है तो जीएसटी अधिकारी रिटर्न भरने वाले व्यापारियों के खिलाफ कदम उठा सकते हैं।

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