बीते कुछ दिनों से दिल्ली में गहरा रहे जल संकट के बीच दिल्ली जल बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। दिल्ली जल बोर्ड का आरोप है कि हरियाणा सरकार की अनियमितताओं के कारण दिल्ली में जल की समस्या बनी हुई है। जल बोर्ड की तरफ से हरियाणा सरकार के खिलाफ एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई। याचिका में हरियाणा सरकार पर जल बोर्ड ने आरोप लगाया है कि बगैर शोधन के सीवरेज का गंदा पानी यमुना में गिराया जा रहा है। जिससे दिल्ली में पेयजल संकट गहरा गया है। इसके अलावा याचिका में जल बोर्ड द्वारा यमुना में कम पानी छोड़ने का भी हरियाणा सरकार पर आरोप लगाया गया है ।

जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने कहा कि यमुना के पानी में अमोनिया की मात्रा बढ़ गई है। वहीं वजीराबाद बैराज के पास जलस्तर में भी गिरावट हुई है। इसके कारण जल बोर्ड के तीन जलशोधन संयंत्रों, वजीराबाद, ओखला, चंद्रवाल से पेयजल आपूर्ति प्रभावित हुई है। राघव चड्ढा ने यह भी बताया कि वजीराबाद बैराज के पास यमुना का जलस्तर में 674.50 फिट होना चाहिए था जोकि घटकर 670.4 फीट हो गया है।

दिल्ली जल बोर्ड ने अपनी याचिका में बगैर शोधन, यमुना में गंदा पानी गिराने से रोक लगाने के अतिरिक्त पानी छोड़ने के लिए सुप्रीम कोर्ट से हरियाणा सरकार को दिशा निर्देश देने की मांग की है।

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