दिल्ली और एनसीआर में रहने वाले लोगों के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रवैया अपनाया है और कहा है कि इन लोगों के लिए सड़कों पर प्रदर्शन और इनके यातायात की परेशानी को तुरंत राज्य सरकार और केंद्र सरकार को मिलकर हल करने की जरूरत है. किसी भी कीमत पर आम लोगों को भुगतने के लिए नहीं छोड़ा जा सकता. हर हाल में सड़कों को तुरंत निर्बाध सेवाओं के लिए शुरू कर देने की कोशिश कीजिए. सड़क सेवाएं अनिवार्य हैं यह कोई वैकल्पिक चीजें नहीं है जिसके ऊपर आप कब्जा करके रख सकते हैं.

 

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को फिर कहा कि कुछ भी हो सड़कें बंद नहीं की जा सकतीं। प्रदर्शनकारियों को किसी निश्चित स्थान पर प्रदर्शन का अधिकार हो सकता है, लेकिन इस तरह सड़क नहीं रोकी की जा सकती। निर्बाध आना-जाना नहीं रोका जा सकता। कोर्ट ने कहा कि केंद्र और संबंधित राज्य सरकारें इसका हल निकालें।

 

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को ये टिप्पणियां उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकार की ओर से कृषि कानून विरोधी आंदोलन के कारण सड़क बंद होने पर रिपोर्ट देखने के बाद कीं। उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा है कि किसानों को समझाने का प्रयास किया जा रहा है कि उनका सड़क रोकना गैरकानूनी है। हालांकि प्रशासन ने लोगों के लिए वैकल्पिक रास्तों से आवागमन की व्यवस्था की है। सोमवार को याचिकाकर्ता के मौजूद नहीं होने के चलते सुनवाई 20 सितंबर तक के लिए टल गई।

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