दिल्ली में कोयले की किल्लत को लेकर गंभीर परेशानी हो रही है। इस समस्या पर बिजली मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि कोयले से चलने वाले बिजली घर अभी पूरी क्षमता के साथ नहीं चल रहे हैं फिर भी दिक्कत हो रही है। मैं केंद्र सरकार से आग्रह करता हूं कि वह इस मामले को देखे। उन्होंने कहा कि हमने बिजली की खरीद को लेकर समझौता किया है लेकिन हमें आधी बिजली ही मिल रही है। हमें जैसा कि पता है कि बिजली घरों को 30 दिनों का स्टाक रखना होता है लेकिन वर्तमान हालत यह है कि वहां एक दिन का ही स्टाक बचा हुआ है। लगभग सभी पावर प्लांट 55 फीसद की क्षमता से ही चल रहे हैं।

 

 

बता दें कि इससे पहले सीएम केजरीवाल ने भी दिल्ली में पावर क्राइसिस को लेकर चिंता जताई थी जिसको लेकर उन्हाेंने पीएम मोदी को एक पत्र भी लिखा था। केजरीवाल ने यह भी कहा कि बिजली की किल्लत को लेकर उपजे हालात को मैं खुद मानीटर कर रहा हूं। हम इस स्थिति का पूरी तरह डट कर सामना कर रहे हैं। जल्द ही समस्या का समाधान होने की संभावना है। बता दें कि दिल्ली से पहले तमिलनाडु और ओडिशा सहित कई राज्यों ने कोयला संकट पर चिंता जाहिर की थी।

क्यों हो रही है कोयले की दिक्कत

 

बिजली घरों को बिजली के उत्पादन के लिए कोयले की आवश्यकता होती है। इन्हें कोयले की आपूर्ति में इस बार असमय मानसून के कारण परेशानी हो रही है। मानसून के असमय होने के कारण इनके उत्पाद की क्षमता प्रभावित हो गई थी जिसके कारण बिजली घरों को समय पर उनकी मांग के अनुरूप कोयला नहीं मिल सका। जिसका असर पावर प्लांट अपनी पूरी क्षमता के अनुसार नहीं चले सके और बिजली कि किल्लत होने लगी।

Founder of Delhibreakings.com I write Hyperlocal, Automative and Important National related coverages for my Audience. Mail me your love or suggestions on lov@delhibreakings.com or lov.singh@live.com