(Delhi To Meerut) के बीच के यात्रा समय को आने वाले 2 से 3 साल के बीच में 60 मिनट से भी कम में पूरा किया जा सकेगा। हाई स्पीड रैपिड रेल (RRTS Train) के प्रथम लुक के अनावरण पर केंद्रीय आवास एवं शहरी मामला मंत्रालय के सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने यह बात कही। मजेदार बात यह है कि इस ट्रेन को दूर से देखने पर दिल्ली के प्रसिद्ध लोटस टेंपल (Lotus Temple) मंदिर की झलक दिखाई देगी, क्योंकि इसकी बनावट इस प्रकार से की गई है।

 

मिश्र ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत संकल्प के तहत हाई स्पीड रेल का निर्माण पूरी तरह से मेक इन इंडिया योजना पर आधारित है। इस अवसर पर एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक विनय कुमार सिंह ने कहा कि भारत के प्रथम आरआरटीएस ट्रेन सेट का न्यू इंडिया की आकांक्षाओं को पूरा करने के विजन के साथ डिजाइन किया गया है।

 

दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर प्राथमिकता वाले तीन आरआरटीएस कॉरिडोर में से एक है। 82 किलोमीटर लंबा दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर भारत में लागू होने वाला पहला आरआरटीएस कॉरिडोर है। वर्तमान में सड़क मार्ग से दिल्ली से मेरठ तक का आवागमन समय 3 से 4 घंटे लगता है। आरटीएस की मदद से यह दूरी 60 मिनट से भी कम समय में तय की जा सकेगी।

 

योजना के खास बिंदु

  • साहिबाबाद से शताब्दी नगर (मेरठ) के बीच लगभग 50 किलोमीटर लंबे खंड पर सिविल निर्माण कार्य पूरे जोरों से जारी है।
  • गाजियाबाद साहिबाबाद गिरधर और दुहाई में बनाए जाएंगे स्टेशन डिपो।
  • साहिबाबाद से दुहाई के बीच के 17 किलोमीटर लंबे प्राथमिक खंड पर परिचालन 2023 से प्रस्तावित है जबकि पूरे कॉरिडोर को 2025 में जनता के लिए खोलने का लक्ष्य है।

 

ट्रेन की खासियत

  • 180 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड वाली ट्रेन पहली आधुनिक प्रणाली वाली है।
  • ट्रेन रोकने के दौरान लगभग 30% ऊर्जा रीजेनरेट होगी।
  • गुजरात स्थित सांवली प्लांट में ट्रेन सेट का होगा मेक इन इंडिया में निर्माण।
  • आरआरटीएस ट्रेन का डिजाइन दिल्ली के प्रसिद्ध लोटस टेंपल से प्रेरित है।
  • stainless-steel से बने ये ट्रेनें पूरी तरह से वातानुकूलित होंगी।
  • कोच में प्रवेश और निकास के लिए 6 स्वचालित दरवाजे होंगे।
  • बिजनेस क्लास में कोच में ऐसे 4 दरवाजे होंगे।
  • बाहर के मनोरम दृश्य के लिए डबल ग्लेज्ड टैंपर प्रूफ शीशे की खिड़कियां होंगी।
  • दिव्यांग जनों के लिए ट्रेन के दरवाजों के पास व्हीलचेयर के लिए जगह होगी।
  • पुश बटन के जरिए खुल सकेंगे ट्रेन के दरवाजे।
  • प्रत्येक प्लेटफार्म पर स्क्रीन दरवाजे होंगे। यह दरवाजे ट्रेन के दरवाजों के साथ ही खुलेंगे और बंद होंगे।

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