दीपावली महापर्व पर घर लौटने वालों की संख्या इस कदर बढ़ गई हैं कि ट्रेनों में पांव रखने की जगह नहीं बची है। वीआइपी ट्रेनों को छोड़ दें तो सामान्य ट्रेनों के थर्ड एसी में भी लोग जुर्माना भरकर वेटिंग टिकट पर यात्रा कर रहे हैं।

ट्रेनों के स्लीपर कोच की स्थिति कहीं ज्यादा खराब है। यात्री रेलवे नियमों का फायदा उठाकर बिना टिकट आरक्षित कराए यात्रा कर रहे हैं।

मुंबई, दिल्ली, गुजरात से प्रदेश के पूर्वी और पश्चिम हिस्से में रहने वाले श्रमिकों और नौकरी पेशा लोगों ने अपने घरों को वापसी शुरू कर दी है। ट्रेनों की स्थिति ऐसी है कि आरक्षण नहीं मिल रहा है। चूंकि विशेष ट्रेनों में जनरल टिकट नहीं मिल रहा है ऐसे में यात्री भी रेलवे के नियम का पूरा फायदा उठा रहे हैं और आरक्षण न मिलने पर जुर्माना देकर टिकट बनवा रहे हैं। जुर्माने की यह व्यवस्था स्लीपर क्लास से लेकर प्रथम श्रेणी के कोच में यात्रा करने पर मिलती है, हालांकि इस नियम में कोच में सीट का खाली होना भी जरूरी है। चूंकि त्योहार पर हर किसी को घर जाना है ऐसे में टिकट निरीक्षक स्लीपर क्लास में जुर्माना लगाकर टिकट बना रहे हैं। यही कारण है कि स्लीपर कोच में भीड़ काफी बढ़ गई है।

जानिए, क्या कहते हैं रेलवे के नियम

-स्लीपर क्लास में यदि आप बिना टिकट के पहुंचते हैं तो टिकट निरीक्षक किराए के साथ ढाई सौ रुपये का जुर्माना लेकर आपके गंतव्य का टिकट बना देगा। इसके लिए जरूरी है कि आप टिकट निरीक्षक को इसकी सूचना दें।

-शताब्दी एक्सप्रेस में जितना टिकट है उतना ही जुर्माना लगाया जाता है। चेयरकार का जुर्माना 910 रुपये है तो इतना ही जुर्माना लगाकर आगे के गंतव्य का टिकट बना दिया जाएगा।

-थर्ड एसी में 430 रुपये का जुर्माना लगता है और ट्रेन के किराए अनुसार टिकट बना दिया जाता है

-सेकेंड एसी में 670 रुपये जुर्माना लगाया जाता है। गंतव्य का किराया और जुर्माना जोड़कर टिकट मिल जाता है।

-प्रथम श्रेणी कोच में जुर्माना 1120 रुपये के आसपास होता है, जबकि किराया अलग से देना होता है।

बुधवार को ट्रेनों की स्थिति दिल्ली से कानपुर

-प्रयागराज स्पेशल में स्लीपर में 337 वेटिंग, थर्ड एसी में 37 वेटिंग, सेकेंड एसी में 28 वेटिंग और प्रथम श्रेणी में सात वेटिंग।

-श्रमशक्ति स्पेशल स्लीपर में 500 वेटिंग, थर्ड एसी में 80 वेटिंग, सेकेंड एसी में 27 वेटिंग और प्रथम श्रेणी में सात।

-नई दिल्ली सियालदाह स्लीपर में 275 वेटिंग, थर्ड एसी में 40 वेटिंग, सेकेंड एसी में 11 और प्रथम श्रेणी में तीन।

-पुरुषोत्तम एक्सप्रेस स्लीपर में वेटिंग में टिकट बंद, थर्ड एसी में आरक्षण बंद, सेकेंड एसी में 30 और प्रथम श्रेणी में 18 वेटिंग।

मुंबई से कानपुर

-बांद्रा टर्मिनस सूबेदारगंज स्पेशल के स्लीपर में 172 वेटिंग थर्ड एसी में 58 वेटिंग

-बांद्रा टर्मिनल बरौनी स्पेशल के स्लीपर में 300 वेटिंग, थर्ड एसी में 52, सेकेंड एसी में 22 वेटिंग

-पनवेल गोरखपुर में स्लीपर 98, थर्ड एसी 27 और सेकेंड एसी में 44 वेटिंग

-सीएसएमटी लखनऊ स्पेशल स्लीपर में 222, थर्ड एसी में 47, सेकेंड एसी में 18 और प्रथम श्रेणी में नौ

-ट्रेनों में यात्रियों की भीड़ को देखते हुए लगातार स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं। टिकट बनाने का नियम कोच में सीट की उपलब्धता के आधार पर है। -अमित कुमार सिंह, जनसंपर्क अधिकारी प्रयागराज मंडल

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