राजधानी के बैंक्वेट हाल, फार्म हाउस, मोटेल आदि का लाइसेंस रखने वालों को आबकारी विभाग ने बड़ी राहत दी है। ऐसे परिसरों को अब शराब परोसने के लिए पी-10 लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होगी। विभाग ने इस लाइसेंस को एल-38 लाइसेंस में ही समाहित कर दिया है। एक वर्ष के लिए एल-38 लाइसेंस लेने के लिए परिसर स्वामी को पांच से 15 लाख रुपये तक का भुगतान करना होगा। शुल्क का निर्धारण परिसर के आकार के अनुसार निर्धारित किया जाएगा। हालांकि, जिनके पास एल-38 लाइसेंस नहीं होगा, उन्हें शराब परोसने के लिए पी-10 लाइसेंस लेना होगा।

 

आबकारी अधिकारियों के मुताबिक, एल-38 लाइसेंसधारी एक पत्र जारी करेगा, जिसमें आयोजन की तारीख, मेहमानों की संख्या और इस तरह के अन्य विवरणों का उल्लेख करना होगा, ताकि वे दिल्ली में लाइसेंस प्राप्त स्नोत से शराब की खरीद सकें। अधिकारियों द्वारा मांगे जाने पर आयोजक को यह लाइसेंस दिखाना होगा।

 

आबकारी विभाग द्वारा जारी दिशानिर्देशों के मुताबिक, फार्म हाउस, बैंक्वेट हाल, मोटेल और एल -38 लाइसेंस वाले अन्य पार्टी स्थलों सहित परिसरों को किसी भी प्रकार की मनोरंजक गतिविधियों की मेजबानी करने की अनुमति होगी। लाइसेंसधारी शराब की बिक्री या खपत को बढ़ावा देने के लिए संभावित या इच्छित किसी भी विज्ञापन सामग्री को न तो रखेगा, न वितरित करेगा और न ही बेचेगा। साथ ही किसी भी कम उम्र के व्यक्ति को शराब नहीं परोसी जाएगी।

 

आबकारी विभाग की ओर से पिछले महीने जारी एक सकरुलर में कहा गया है कि पी-10 परमिट समारोह या पार्टी से सात दिन पहले आवेदन किया जा सकता है। आवेदक छह दुकानों से शराब खरीद सकता है। सकरुलर में कहा गया है कि छूट 30 नवंबर तक लागू रहेगी।

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