घरेलू एलपीजी सिलेंडर के रेट वैसे तो हर महीने की पहली तारीख को अपडेट होते हैं, लेकिन इसमें 6 अक्टूबर 2021 के बाद कोई बदलाव नहीं आया है। अधिकतर परिवारों में 14.2 किलो वाला एलपीजी सिलेंडर का इस्तेमाल होता है। दिल्ली-मुंबई में इसकी कीमत 899.50 रुपये है तो चेन्नई में 915.50 रुपये और कोलकाता में 926 रुपये।
इसके अलावा आज हम बात करेंगे 10 और 5 किलो वाले कंपोजिट सिलेंडर की। अगर आप 5 किलो वाला पोजिट सिलेंडर अपने घर लाते हैं तो यह दिल्ली में आपको 566 रुपये पड़ेगा। वहीं आप महज 68 रुपये अधिक खर्च करके दोगुनी गैस ले सकते हैं। जी हां, दिल्ली में 10 किलो वाले कंपोजिट सिलेंडर का रेट महज 634 रुपये है।
देखें किस टाइप का सिलेंडर आपके लिए रहेगा फायदेमंद…
18 जनवरी 2022 के रेट रुपये प्रति सिलेंडर
| शहर | 14.2 किलो वाले सिलेंडर के रेट | 10 किलो वाले कंपोजिट सिलेंडर के रेट | 5 किलो वाले कंपोजिट सिलेंडर के रेट |
| दिल्ली | 900 | 634 | 566 |
| मुंबई | 900 | 634 | 553 |
| कोलकाता | 926 | 652 | 586.5 |
| चेन्नई | 916 | 645 | 601 |
| लखनऊ | 938 | 660 | 590.5 |
| जयपुर | 904 | 637 | 570 |
| पटना | 998 | 697 | 619.5 |
कंपोजिट सिलेंडर की खासियत
करीब 6 दशक की यात्रा के बाद घरेलू सिलेंडर में गैस कंपनियों ने बदलाव किया। बाजार में आ चुका कंपोजिट सिलेंडर लोहे के सिलेंडर के मुकाबले 7 किलो हल्का है। इसमें थ्री-लेयर हैं। बता दें अभी इस्तेमाल होने वाला खाली सिलेंडर 17 किलो का होता है और गैस भरने पर यह 31 किलो से थोड़ा अधिक पड़ता है। 10 किलो के कंपोजिट सिलेंडर में 10 किलो ही गैस होती है।
एलपीजी गैस की बिक्री बढ़ी
गौरतलब है कि एलपीजी गैस की बिक्री इससे पिछले महीने के पहले पखवाड़े की तुलना में 4.85 फीसदी और सालाना आधार पर 9.47 फीसदी बढ़कर 12.8 लाख टन पर पहुंच गई। ये आंकड़े जनवरी, 2020 के पहले पखवाड़े के मुकाबले 15.25 फीसदी अधिक हैं।
बता दें घरेलू एलपीजी सिलेंडर के नए रेट 1 जनवरी 2022 को ही जारी हो चुके हैं। कामर्शियल सिलेंडर इस दिन 100 रुपये सस्ता हुआ था और 14.2 किलो वाले घरेलू एलपीजी सिलेंडर के रेट में पिछले कई महीने से कोई बदलाव नहीं हुआ है।
एलपीजी की औसत कीमत 57.81 रुपये प्रति लीटर
गौरतलब है कि जनवरी-2022 को जारी रेट के मुताबिक दुनिया भर में एलपीजी की औसत कीमत 57.81 भारतीय रुपया प्रति लीटर है। हालांकि,अलग-अलग देशों में एलपीजी की कीमतों में काफी अंतर है। विभिन्न देशों में कीमतों में अंतर एलपीजी के लिए विभिन्न करों और सब्सिडी के कारण है। सभी देशों की अंतरराष्ट्रीय बाजारों में समान प्राकृतिक गैस की कीमतों तक पहुंच है, लेकिन फिर अलग-अलग टैक्स से कीमतें अलग-अलग होती हैं। नतीजतन, रसोई गैस की खुदरा कीमत अलग है।
