इकोनमी एसी (वातानुकूलित) क्लास के कोच में यात्र करने वाले यात्रियों को थर्ड एसी की तुलना में कुछ कम किराया देना पड़ता है, लेकिन इन्हें बेड रोल (कंबल, चादर, तौलिया, तकिया) की सुविधा नहीं मिलेगी। उन्हें अपने साथ बिस्तर लेकर यात्र करनी होगी या फिर रेलवे स्टेशनों पर शुल्क देकर खरीदना होगा। रेलवे बोर्ड ने इस नई श्रेणी के कोच में जगह की कमी की बात कहकर बेड रोल की सुविधा नहीं देने का फैसला किया है।

 

रेलवे बोर्ड ने सभी क्षेत्रीय रेलवे के महाप्रबंधकों को इस संबंध में पत्र लिखकर सूचित किया है। कोरोना संकट के कारण वातानुकूलित (एसी) श्रेणी के कोच में यात्र करने वालों को बेड रोल की सुविधा बंद कर दी गई थी। दस मार्च से यह सेवा फिर बहाल कर दी गई है। वहीं, कई क्षेत्रीय रेलवे ने इकोनमी एसी क्लास में बेड रोल रखने की जगह न होने की बात कहकर इस सेवा को शुरू करने में असमर्थता जताई थी। जांच के बाद रेलवे बोर्ड ने भी शिकायत को सही माना है। अधिकारियों का कहना है कि आधुनिक तकनीक से कोच में तापमान सामान्य रखा जाता है।

 

एसी श्रेणी कोच में सफर करने वाले यात्रियों को पहले फस्र्ट एसी, सेकंड एसी और थर्ड एसी कोच के विकल्प मिलते थे। अब एलएचबी (लिंक हाफमैन बुश) रेक वाली कई कई ट्रेनों में इकोनमी एसी क्लास का विकल्प उपलब्ध हो गया है। कोरोना संकट में इस नए कोच को तैयार किया गया है। पिछले वर्ष से उपलब्धता के आधार पर इसे ट्रेनों में लगाया जा रहा है।

 

अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित इस कोच में ज्यादा यात्री सफर कर सकते हैं और इसका किराया भी थर्ड एसी से कुछ कम है। थर्ड एसी कोच की तरह इसमें एक कंपार्टमेंट में आठ बर्थ होते हैं, लेकिन पूरे कोच में यात्रियों की संख्या ज्यादा होती है। थर्ड एसी में जहां 72 यात्री सफर करते हैं, वहीं इस नई श्रेणी के कोच में 83 यात्री सफर करते हैं। दरअसल, हाई वोल्टेज इलेक्टिक स्विचगियर को कोच के भीतर से हटाकर इसके निचले हिस्से में लगाया है। सीटों के बीच जगह कुछ कम किया गया है। इससे कोच में 11 अतिरिक्त बर्थ लग सके हैं।

Founder of Delhibreakings.com I write Hyperlocal, Automative and Important National related coverages for my Audience. Mail me your love or suggestions on lov@delhibreakings.com or lov.singh@live.com