भारत सरकार को देश की पहली रैपिड ट्रेन सौंप दी गई है।‌

इस ट्रेन का परिचालन दिल्ली मेरठ रुट पर होगा। अगस्त माह में इसका ट्रायल रन NCRTC ने तय किया है। रैपिड ट्रेन का रनिंग रूट भी बनकर तैयार हो गया है। पहले चरण में साहिबाबाद से दुहाई डिपो तक ट्रेन का परिचालन होगा। यह ट्रैक टोटल 17 किलोमीटर का होगा। यह कोई साधारण ट्रेन नहीं होगी इसमें हवाई जहाज जैसी सुविधाएं मिलेगी।

 

दिल्ली से मेरठ के बीच परिचालित होने वाली रैपिड रेल का टोटल रूट 82.15 किलोमीटर का है।

इसमें 68 किमी का हिस्सा एलिवेटेड है जबकि 14.12 किलोमीटर का हिस्सा अंडरग्राउंड है। इस पूरे मार्ग में 14 किलोमीटर रफीक ट्रेन का रनिंग रूट दिल्ली में होगा जबकि उत्तर प्रदेश में 68 किलोमीटर होगा। 2025 तक 82 किलोमीटर का पूरा रूट बन जाने की उम्मीद है। पहले फेज में 17 किलोमीटर का हिस्सा साहिबाबाद से दुहाई डिपो तक ट्रेन चलाई जाएगी।

 

बता दें कि इस पूरे कॉरिडोर में दो डिपो होंगे और कुल 24 स्टेशन मौजूद होंगे।

इन 24 स्टेशनों में मोदीपुरम, एमईए कॉलोनी, मेरठ नॉर्थ, बेगमपुल, दौराली, मेरठ सेंट्रल, ब्रह्मपुरी, भैंसाली, मेरठ सेंट्रल, शताब्दी नगर, ब्रह्मपुरी, परतापुर, रिठानी, मेरठ साउथ, मोदी नगर नॉर्थ, मुरादनगर डिपो, मोदी नगर साउथ, मुरादनगर, गाजियाबाद,दुहाई डिपो, गुलधर, साहिबाबाद, न्यू अशोक नगर, आनंद विहार एवं सराय काले खां शामिल हैं।

 

बता दें कि 8 मार्च 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस परियोजना की आधारशिला रखी थी और गुजरात के सांवली में इस ट्रेन का निर्माण किया गया था। ट्रेन के डिब्बों का काम कंपनी ने लगभग-लगभग पूरा कर लिया है। इस पूरी परियोजना पर टोटल 30274 करोड़ रुपए खर्च किए जाने हैं। पूरे बजट में दिल्ली और यूपी दोनों सरकार की भागीदारी है। इस प्रोजेक्ट में उत्तर प्रदेश सरकार का 17 रिचा जबकि दिल्ली सरकार का 3 प्रतिशत हिस्सेदारी होगा।

 

पहले चरण के तहत साहिबाबाद से दुआई डिपो तक 17 किलोमीटर में पटरियों के बिछाने का काम पूरा हो चुका है।

इसके बाद निर्माण में जुटे कंपनी वायर और सिग्नल बिछाने का काम कर रही है। यात्रियों को इसमें हवाई जहाज वाली तमाम सुविधाएं मिलेगी। बिजनेस कोच भी जोड़ा जाना है। यात्रियों को बिजनेस क्लास का अनुभव प्राप्त होगा। इसके तहत पैसेंजर्स को लाइब्रेरी, कॉफी मशीनें और सोफे जैसी सुविधाएं मिलेंगी। हालांकि इन लग्जरी सर्विसेस का उपयोग करने के लिए पैसेंजर्स को एक्स्ट्रा पैसे भुगतान करने होंगे।

 

 

ट्रेन से सफर करने वाले यात्रियों को क्यूआर कोड के तहत टिकट मिलेगा।

दिल्ली मेरठ कोरिडोर पर ऑटोमेटिक फेयर कलेक्शन सिस्टम यानी कि क्यूआर कोड वाला टिकट यात्रियों को मिलेगा। यात्रियों के लिए एनसीईआरटीसी की मोबाइल या फिर वेबसाइट पर विजिट कर जनरेट करना होगा। क्यूआर कोड स्कैन करने के बाद ही यात्रियों को रैपिड ट्रेन में प्रवेश मिलेगा।

 

यह रैपिड ट्रेन आरामदायक यात्रा और तेज स्पीड के हिसाब से ही बेहतर नहीं है, बल्कि पर्यावरण के लिहाज से यह ट्रेन बेहद उपयोगी साबित होगा। ट्रेन के परिचालन होने से पर्यावरण में कार्बन उत्सर्जन में कमी रिकॉर्ड की जाएगी। ट्रेन के परिचालन होने से रोजाना तकरीबन एक लाख गाड़ियों का लोड कम होने की उम्मीद दिल्ली मेरठ रूट पर है। इससे सालाना कार्बन का उत्सर्जन 2.50 लाख टन कम जाएगा।

Founder of Delhibreakings.com I write Hyperlocal, Automative and Important National related coverages for my Audience. Mail me your love or suggestions on lov@delhibreakings.com or lov.singh@live.com