देश की राजधानी दिल्ली की बसों के रूट अब चार श्रेणियों में बंटेंगे। पहला ट्रंक नेटवर्क होगा, जिसके अंदर तीन सेंट्रल बिजनेस डिट्रक्ट (सीबीडी) सर्कुलेटर और 27 सुपर ट्रंक रूट शामिल हैं। इसमें बसों की फ्रीक्वेंसी पांच से 10 मिनट की होगी।

 

दूसरा प्राइमरी नेटवर्क होगा, जिसमें 10 से 15 मिनट की बसों की फ्रीक्वेंसी होगी। फिर सेकेंडरी और फीडर नेटवर्क होगा, जिसमें बसों की फ्रीक्वेंसी 15 से 20 मिनट की होगी। मौजूदा समय में दिल्ली में 625 बस रूट हैं, जिसमें अभी 7200 बसें चल रही हैं।

 

इसी तरह से मिनी और आरटीवी के 72 रूट हैं, जिसमें 799 बसें चल रही हैं। मैक्सी कैब के 14 रूट हैं, जिसमें तकरीबन 120 वाहन चल रहे हैं। अब स्टडी के बाद 625 स्टैंडर्ड बसों के रूट में से 274 रूट पर बसों की फ्रीक्वेंसी पांच से 10 मिनट की होगी।

 

बसों की संख्या भी बढ़ेगी

इसके अलावा बचे 351 रूटों पर मौजूदा समय में जिस तरह से बसें चल रही हैं, उसी तरह से आगे भी चलती रहेंगी। आने वाले समय में स्टैंडर्ड बसों की संख्या 7200 से 8494 की जाएगी।

Delhi Bus दिल्ली में 3 कटेगरी में चलेगी बस, अपने अपने नए रूट का जानकारी जाने, कम किराए के ऐलान से दिल्ली होगा सुहाना

 

कई नए रूट तय किए जाएंगे

स्टैंडर्ड बसों के 274 रूट को कई श्रेणियों में बांटा गया है। इस स्टडी के तहत ट्रंक रूटों की संख्या 30 होगी, जिसमें पांच रूट नए हैं। उसी तरह, प्राइमरी नेटवर्क में रूट की संख्या 154 होगी, जिसमें नए रूट 18 होंगे। सेकेंडरी नेटवर्क में रूट की संख्या 65 होगी। इसके अलावा एनसीआर और एयरपोर्ट रूट की संख्या 38 की जाएगी, जिसमें 12 नए रूट होंगे।

 

पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल 37 प्रतिशत लोग कर रहे हैं

बसों के रूट रेशनलाइजेशन के लिए छह तरह के सर्वे किए गए। इस सर्वे में करीब दो लाख लोगों को शामिल किया गया। इस सर्वे के अनुसार दो लाख लोगों में से 37 प्रतिशत लोग सार्वजनिक सेवा का इस्तेमाल करते पाए गए। सर्वे में कई बातें सामने निकल कर आई हैं। लोगों की औसत यात्रा की लंबाई करीब 11.2 किलोमीटर है। दिल्ली में 37 प्रतिशत लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करते हैं।

रेलवे स्टेशन और बस अड्डों के लिए अधिक होता है बसों का इस्तेमाल

दिल्ली के आनंद विहार आइएसबीटी, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन, कनाट प्लेस, कश्मीरी गेट आइएसबीटी, बदरपुर जैसे ट्रांजिट सेंटरों पर यात्रियों की सबसे अधिक भीड़ होती है। लास्ट माइल कनेक्टिविटी के लिए 33 प्रतिशत लोगों द्वारा ई रिक्शा का उपयोग किया जाता है।

 

मध्यम आय वर्ग वाले एरिया के रूटों पर पड़ रहा सबसे अधिक बोझ

इस दौरान यह भी देखा गया है कि विभिन्न आय वर्ग के लोग जिस एरिया में सबसे अधिक रहते हैं, वहां पर बस सेवा का उपयोग करने वालों की तादात कितनी है। दिल्ली में 15 एरिया है, जहां पर कम आय वर्ग के 25 फीसद लोग सार्वजनिक सेवा का उपयोग करते हैं। इस वजह से इन लोअर इनकम ग्रुप (एलआइजी) क्षेत्रों में स्टाप पर सार्वजनिक सेवाओं पर अधिक बोझ पड़ता है। इन ट्रांजिट स्टाप पर बसों की संख्या बढ़ाने की जरूरत है।

कई जगहों पर होती है अधिक भीड़

बवाना, नरेला, मुंडका, दिल्ली कैंट, पूसा, कापसहेड़ा, किशनगढ़, आया नगर, कश्मीरी गेट, एनडीएमसी चार्ज-तीन, निजामुद्दीन, त्रिलोकपुरी, सरिता विहार, छतरपुर और भाटी ट्रांजिट स्टाप पर अधिक यात्रियों की भीड़ होती है।

Founder of Delhibreakings.com I write Hyperlocal, Automative and Important National related coverages for my Audience. Mail me your love or suggestions on lov@delhibreakings.com or lov.singh@live.com