अगर आपके पास अपनी गाड़ी का वैलिड पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल (PUC) सर्टिफिकेट नहीं है तो अगली बार सड़क पर आने पर 10,000 रुपये का जुर्माना देने के लिए तैयार रहें. दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के खिलाफ एक विशेष अभियान शुरू किया है और ज्यादातर चालान PUC सर्टिफिकेट न होने के चलते किए गए हैं.

40 टीमें की गईं तैनात
परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने कहा, “हमने प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों की जांच करने और दंडित करने के लिए दिल्ली भर में 40 टीमों को तैनात किया है और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति द्वारा चुने गए 13 प्रदूषण हॉटस्पॉट्स पर फोकस किया गया है.” उन्होंने कहा कि इन हॉटस्पॉट्स पर हमारे एनफोर्समेंट विंग अधिकारियों, डीपीसीसी अधिकारियों और दिल्ली ट्रैफिक पुलिसकर्मियों की संयुक्त टीम भी वाहनों से डीजल और पेट्रोल के सैंपल इकट्ठे कर रही हैं.

1,000 से 10,000 रुपये हुआ जुर्माना
1 सितंबर 2019 से दिल्ली में लागू हुए संशोधित मोटर वाहन अधिनियम के तहत एक वैलिड पीयूसी सर्टिफिकेट नहीं होने पर जुर्माना 1,000 रुपये से 10,000 रुपये तक बढ़ा दिया है. दस गुना बढ़ोतरी के कारण दिल्ली के लगभग 1,000 पीयूसी केंद्रों में अचानक भीड़ बढ़ गई थी और परिवहन विभाग ने उस महीने में 14 लाख पीयूसी सर्टिफिकेट जारी किए थे.

डॉक्यूमेंट्स की वैलिडिटी बढ़ाई
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने सभी परिवहन दस्तावेजों की वैधता को बढ़ा दिया है जैसे ड्राइविंग लाइसेंस, फिटनेस, परमिट, पंजीकरण आदि जो 1 फरवरी से 30 सितंबर 2020 तक एक्सपायर हो रहे हैं. दिल्ली के परिवहन विभाग के अधिकारियों ने हालांकि, ऐसा नहीं कहा पीयूसी सर्टिफिकेट वाले वाहनों को छूट दी जा रही है. मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि पीयूसी सर्टीफिकेट नहीं होने पर वाहन मालिकों को बख्शा नहीं जाएगा. उन्हें अपने वाहनों को किसी भी नजदीकी PUC केंद्र पर समय पर जांच करवानी चाहिए.

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