डीसीपी ट्रैफिक प्रशांत कुमार ने दो-तीन दिन पहले एक आदेश जारी किया हैं. आदेश के मुताबिक, उनके कार्य-सीमा अधिकारी क्षेत्र यानी दिल्ली ट्रैफिक के पश्चिमी रेंज में, कार में पीछे बैठे लोगों को भी अब सीट-बेल्ट लगानी होगी. साथ ही जिन दुपहिया वाहनों में साइड मिरर (पीछे देखने के लिए वाहन पर लगा बैक मिरर) नहीं होगा, ऐसे वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही गयी थी.

 

दिल्ली की जनता के लिए चूंकि यह अजूबा बात या आदेश था. क्योंकि यहां के लोगों के जेहन में कार की पिछली सीट पर बैठे लोगों की सुरक्षा को लेकर तो “अवेयरनेस” दूर-दूर तक नहीं है. लिहाजा कार की पिछली सीट पर बैठे लोगों को भी सीट-बैल्ट लगाये जाने की हिदायत से दिल्ली वालों का चौंकना भी लाजिमी था. लिहाजा ऐसे में डीसीपी ट्रैफिक का यह आदेश देखते-देखते वायरल हो गया. आदेश की तह में पहुंचे बिना ही लोगों ने हल्ला मचाना शुरु कर दिया.

Back Seat Belt दिल्ली में कार के पिछले सीट पर भी सीट बेल्ट ज़रूरी, दुरुस्त रखना होगा पीछे देखने वाला सीसा

हल्ला मचाने वालों की दलील थी कि, अब दिल्ली की सड़कों पर जो भी इन दोनों कानूनों का उल्लंघन करेगा, उस पर मोटा दण्ड डाला जायेगा. TV9 भारतवर्ष ने इस बारे में शुक्रवार शाम को आदेश जारी करने वाले दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के डीसीपी प्रशांत कुमार से ही बात कर ली. तब जाके इस आदेश के बाबत तमाम गलतफहमियां दूर हुईं. बातचीत के दौरान डीसीपी वेस्टर्न रेंज (ट्रैफिक) प्रशांत कुमार ने कहा, “आदेश जरूर जारी किया है. मगर इसका मतलब यह नहीं है कि पब्लिक इसे लेकर पैनिक हो जाए.”

 

“मकसद है लोगों की सुरक्षा”

प्रशांत कुमार के मुताबिक, “डीसीपी ट्रैफिक की हैसियत से सड़क पर चलने वालों की सुरक्षा मेरे जीवन का पहला मकसद होना चाहिए. अमूमन कानून और चालान के डर से चार पहिया वाहन चालक खुद सीट बेल्ट लगा लेता है. उसके बराबर में बैठी सवारी भी सीट बेल्ट लगा लेती है. यह सब करते वक्त मगर चौपहिया वाहन में पीछे बैठे लोगों की चिंता किसी को नहीं रहती है. और यही लापरवाही दुर्घटना के दौरान सबसे ज्यादा घातक साबित हो जाती है.”

 

डीसीपी ट्रैफिक ने आगे कहा, “मैं चाहता हूं कि वाहन में सवार और सड़क पर चलने वाला हर शख्स सुरक्षित रहे. ड्राइवर और उसके बराबर की सीट पर बैठे इंसान ने तो सीट बेल्ट लगा ली. ऐसे में सबसे ज्यादा खतरे में रहती हैं कार में पिछली सीट पर बैठी सवारियां. जब कभी भी सड़क हादसा होता है तो, अक्सर यही देखने में आता है कि, सीट बेल्ट लगाये लोग सुरक्षित हो जाते हैं. जबकि बिना सीट बेल्ट के पिछली सीट पर मौजूद लोग या सवारियां चोट खा जाते हैं.”

 

डीसीपी ने आगे बताया, “जारी किए आदेश में मैंने ऐसी ही उम्मीद दुपहिया वाहन चालकों से की है. ताकि पीछे देखने वाला शीशा (साइड मिरर) दुरुस्त होने पर वे खुद भी सुरक्षित रहेंगे. साथ ही उनके पीछे आ रहे या चल रहे वाहन भी सुरक्षित रहेंगे. इससे राजधानी की सड़कों पर हादसों में काफी हद तक कमी आती देखे जाने की मुझे उम्मीद है.”

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