दिल्ली-एनसीआर में एक साल के अंदर अब तक 16 से अधिक बार भूकंप के झटके महसूस किए जा चुके हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि गाजियाबाद जिले की 80 फीसदी से अधिक इमारतें ऐसी हैं, जो भूकंप की तीव्रता को झेल नहीं सकती हैं। इनके निर्माण में किसी भी डिजाइन का पालन नहीं किया गया है। यह पूरी तरह से अवैध रूप से बनी हुई हैं।

जिले में 300 से अधिक अवैध कॉलोनियां हैं। जिसके निर्माण में बिल्डर ने नियमों का पूरी तरह से उल्लंघन किया है। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) के रिटायर्ड सुपरीटेंडेंट इंजीनियर एसएस वर्मा का कहना है कि जिस बिल्डिंग का निर्माण बिना डिजाइन का होता है। उसमें सरिया और सीमेंट की मात्रा ठीक नहीं होती है। उसकी नींव भी कमजोर होती है। इसमें तीव्र भूकंप के झटके झेलने की क्षमता नहीं होती है।

‘मल्टीस्टोरी का नक्शा पास किया जाता’
जीडीए के सीएटीपी आशीष शिवपुरी का कहना है कि जीडीए से जो भी मल्टीस्टोरी का नक्शा पास किया जाता है, उसमें आईआईटी या उसके समकक्ष किसी संस्थान का डिजाइन अप्रूवल सर्टिफिकेट होता है। जिसके बाद भी उसे पास किया जाता है। ऐसी बिल्डिंग भूकंपरोधी होती हैं।

ये इलाके हैं सबसे अधिक खतरनाक

  • इंदिरापुरम,
  • लोनी,
  • खोड़ा,
  • वैशाली,
  • बालाजी एन्क्लेव,
  • महेंद्रा एन्क्लेव,
  • ब्रिजनगरी,
  • नंदनी एन्क्लेव,
  • उत्तरांचल नगर,
  • किसान प्रॉपर्टीज रघुनाथपुरी,
  • श्रीनगर कॉलोनी,
  • आनंद विहार कॉलोनी,
  • हीरा एन्क्लेव,
  • डिफेंस कॉलोनी,
  • श्रीराम कॉलोनी,
  • मोहन पार्क कॉलोनी,
  • आकाश विहार,
  • दुहाई इंडस्ट्रियल एरिया,
  • राधेश्याम विहार-1,
  • राधेश्याम विहार-4,
  • शहीद प्यारे लाल कॉलोनी,
  • इंदिरा कॉलोनी,
  • ओमनगर,
  • सत्यम और गिरधर कॉलोनी,
  • जय भारत एन्क्लेव,
  • सिरोही एन्क्लेव,
  • वृंदावन गार्डन,
  • कृष्णा विहार,
  • कृष्णा विहार-2,
  • जनकपुरी,
  • शहीदनगर,
  • गणेशपुरी,
  • सुंदर विहार,
  • राजीव कॉलोनी,
  • न्यू आनंद विहार,
  • अल्वीनगर,
  • संतनगर,
  • शंकर विहार,
  • रामपार्क,
  • संगम विहार,
  • राम विहार,
  • रामेश्वर पार्क एक्सटेंशन,
  • अंजली विहार,
  • राहुल विहार,
  • न्यू हिंडन विहार,
  • पप्पू कॉलोनी,
  • जवाहर पार्क,
  • ग्रीन गार्डन,
  • अंकुर एन्क्लेव,
  • मिर्जा गार्डन,
  • बीईएल एन्क्लेव,
  • नीलमणि कॉलोनी व
  • वृज विहार शामिल हैं।

 

खतरनाक श्रेणी में आता है दिल्ली-एनसीआर
लखनऊ विश्वविद्यालय के भूवैज्ञानिक प्रोफेसर ध्रुवसेन सिंह ने बताया कि हिमालय के करीब होने की वजह से दिल्ली-एनसीआर में इस समय ज्यादा भूकंप के झटके आ रहे हैं। यह सिस्मिक जोन 4 के खतरनाक श्रेणी में आता है।

इस जोन में दिल्ली-एनसीआर के इलाके, जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के इलाके, यूपी, बिहार और पश्चिम बंगाल का उत्तरी इलाका, गुजरात का कुछ हिस्सा और पश्चिम तट से सटा महाराष्ट्र और राजस्थान का इलाका आता है।

कम तीव्रता वाले भूकंप से बड़े भूकंप की आशंका कम
प्रोफेसर ध्रुवसेन सिंह ने बताया कि जो छोटे-छोटे भूकंप आते हैं तो धरती की ऊर्जा निकलती रहती है। जिसकी वजह से बड़े भूकंप आने की आशंका कम हो जाती है।

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