दिल्ली के तीनों नगर निगम आने वाले कुछ महीनों में अटल रसोई से गरीबों की भूख मिटाने की तैयारी में जुट गई है। अगर यह योजना परवान चढ़ी तो राजधानी दिल्ली के 60 इलाकों में सिर्फ 10 रुपये का भुगतान करके भरपेट भोजन कर सकेंगे। जागरण संवाददाता से मिली जानकारी के मुताबिक, दिल्ली के तीनों निगम इलाकों में अटल रसोई खोलने पर तेजी से काम हो रहा है। योजना के मुताबिक,  दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में 40 स्थानों पर तो उत्तरी दिल्ली नगर निगम 20 स्थानों पर अटल रसोई की शुरुआत करेगा। अधिकारियों की मानें तो अटल रसोई के जरिये गरीब लोगों को सिर्फ 10 रुपये में भरपेट भोजना उपलब्ध कराया जाएगा।

 

तीन साल पहले किया था अटल रसोई खोलने का वादा

वर्ष 2017 के दिल्ली नगर चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की ओर से अटल रसोई के जरिये 10 रुपये में खाना देने का वादा किया गया था। इसके बाद वर्ष 2018 में अटल रसोई खोली भी गई थी। इसका विस्तार होता, इससे पहले ही कोरोना के चलते बंद हो गई। ऐसे में कोरोना का असर कम होने के साथ ही अटल रसोई को फिर खोलने की कवायद शुरू हो गई है।

 

यहां पर बता दें कि भारतीय टीम के पूर्व खिलाड़ी और पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से भाजपा सांसद गौतम गंभीर ‘जन रसोई’ भोजनालय की शुरुआत कर चुके हैं। ‘जन रसोई’ में उनके संसदीय निर्वाचन क्षेत्र पूर्वी दिल्ली में जरूरतमंद लोगों को 1 रुपये में दोपहर का भोजन दिया जा रहा है। गौतम गंभीर गांधी नगर में पहले ही भोजनालय की शुरुआत कर चुके हैं, जिसके बाद गणतंत्र दिवस पर अशोक नगर में भी ऐसा ही भोजनालय खोला है।

गंभीर गंभीर की मानें तो मेरा हमेशा से मानना रहा है कि जाति, पंथ, धर्म और वित्तीय हालात से परे सभी को स्वस्थ और स्वच्छ भोजन करने का अधिकार है. यह देखकर अफसोस होता है कि बेघर और बेसहारा लोगों को दिन में दो वक्त की रोटी भी नसीब नहीं हो पाती। उन्होंने पूर्वी दिल्ली के 10 विधानसभा क्षेत्रों में कम से कम एक ‘जन रसोई’ भोजनालय खोलने की योजना बनाई है। इसे एक-एक धरातल पर उतारा जाएगा।

 

रेवाड़ी में मिलता है 10 रुपये में भरपेट भोजन

यहां पर बता दें कि हरियामा के रेवाड़ी में नई अनाजमंडी में हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत अटल रसोई की ट्रायल के तौर पर शुरुआत हो चुकी है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर अटल किसान-मजदूर कैंटीन इसका नाम रखा गया है। नया सवेरा महिला महासंघ को इस कैंटीन की कमान सौंपी गई है। समूह से जुड़ी सात महिलाएं इस कैंटीन में काम कर रही हैं। रोजाना सुबह 11 बजे से दोपहर बाद 3 बजे तक कैंटीन में जरूरतमंदों को भोजन दिया जा रहा है। नया सवेरा समूह की कलस्टर हैड कुसुम का कहना है कि कैंटीन ट्रायल के तौर पर ही चल रही है तथा 200 के लगभग लोग खाना खाने आते हैं। यहां आम उपभोक्ताओं को 10 रुपये में ही कैंटीन में भोजन मिल रहा है। ग्राहक दस रुपये का टोकन कटवाकर कैंटीन में बैठकर भोजन कर सकता है। हालांकि भोजन की लागत अधिक है, इसलिए प्रति प्लेट 15 रुपये का भुगतान स्वयं सहायता समूह को मार्केटिग बोर्ड की तरफ से किया जा रहा है।

Founder of Delhibreakings.com I write Hyperlocal, Automative and Important National related coverages for my Audience. Mail me your love or suggestions on lov@delhibreakings.com or lov.singh@live.com