राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमण की रफ्तार तेजी से बढ़ती जा रही है. ऐसे में कोरोना मरीजों के इलाज में लगे कोरोना वॉरियर्स के घर तक संक्रमण ना पहुंचे, इसके लिए दिल्ली सरकार ने एक अहम फैसला लिया है.

दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने कोरोना मरीजों के इलाज में लगे डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को होटलों में ठहराने का इंतजाम किया है. इसके लिए मंगलवार को आदेश भी जारी कर दिए गए हैं. इसका पूरा खर्चा दिल्ली सरकार ही उठाएगी.

दिल्ली सरकार के आदेश के मुताबिक, कोविड अस्पतालों, कोविड हेल्थ सेंटर, कोविड केयर सेंटर और क्वारनटीन सेंटर में ड्यूटी कर रहे डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ और सपोर्टिंग स्टाफ को होटल और धर्मशालाओं में ठहराया जाएगा. आदेश की मानें तो डॉक्टरों को दिल्ली के 4 या 5 स्टार होटलों में ठहराया जाएगा. जबकि, नर्सेस और पैरामेडिकल स्टाफ को होटलों में ठहराने की व्यवस्था की जा रही है. वहीं, सपोर्टिंग स्टाफ को धर्मशालाओं में ठहराया जाएगा.

सरकार ने सभी कलेक्टरों को इंतजाम करने के आदेश दिए हैं. साथ ही ये भी कहा है कि होटलों और धर्मशालाओं का खर्चा सरकार ही उठाएगी.

इसके अलावा दिल्ली सरकार ने आज एक और अहम फैसला लिया है. सरकार ने दिल्ली में 31 मार्च 2021 तक रिटायर हो चुके या अगले कुछ दिनों में रिटायर हो रहे सभी नर्सिंग स्टाफ और पैरामेडिकल स्टाफ को अगले 6 महीने तक, यानी 31 सितंबर 2021 तक कॉन्ट्रैक्ट पर रखने का आदेश जारी किया है. कोरोना मरीजों की बढ़ोतरी को देखते हुए ये फैसला लिया गया है.

दिल्ली में मंगलवार को बीते 24 घंटे में कोरोना के 24,149 नए मामले सामने आए हैं. जबकि, 381 मरीजों की मौत हुई है. मरीजों की मौतों का ये आंकड़ा अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है. अभी राजधानी में एक्टिव केस की संख्या 98,264 है.

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