पाम, सोयाबीन और सूरजमुखी के तेल की कच्ची किस्मों पर कस्टम ड्यूटी घटाई, शुल्क में कटौती आज से होगी प्रभावी

त्योहारी सीजन में खाद्य तेलों की कीमतों को कम करने के लिए केंद्र सरकार ने एक अहम फैसला लिया है। सरकार ने पाम, सोयाबीन और सूरजमुखी के तेल की कच्ची किस्मों पर मार्च, 2022 तक के लिए कृषि उपकर और कस्टम ड्यूटी में कटौती की है।

 

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआइसी) ने एक अधिसूचना में कहा, शुल्क में कटौती 14 अक्टूबर से प्रभावी होगी। सरकार इस कदम से त्योहारी मौसम में खाद्य तेलों की कीमतों को कम करने और घरेलू उपलब्धता को बढ़ाने में मदद मिलेगी। कृषि उपकर की बात करें तो यह कच्चे पाम तेल पर अब 7.5 प्रतिशत लगेगा, जबकि कच्चे सोयाबीन तेल और कच्चे सूरजमुखी तेल के लिए इसकी दर पांच प्रतिशत होगी। पाम, सोयाबीन और सूरजमुखी के तेल की कच्ची किस्मों पर प्रभावी कस्टम ड्यूटी क्रमश: 8.25, 5.5 और 5.5 प्रतिशत होगी।

 

इसके अलावा सूरजमुखी, सोयाबीन, पामोलिन और पाम तेल की परिष्कृत किस्मों पर मूल सीमा शुल्क मौजूदा 32.5 प्रतिशत से घटाकर 17.5 प्रतिशत कर दिया गया है। दरअसल, कीमतों पर लगाम लगाने और घरेलू आपूर्ति बढ़ाने के लिए केंद्र ने खाद्य तेलों पर आयात शुल्क कम किया है। इसके अलावा जमाखोरी के खिलाफ भी कदम उठाए गए हैं। उपभोक्ता मामलों के मंत्रलय ने तेल व तिलहन पर स्टाक सीमा लागू करने का आदेश जारी किया था। स्टाक लिमिट 31 मार्च 2022 तक लागू रहेगी।

 

सितंबर के दौरान खाद्य तेलों का आयात 63 प्रतिशत बढ़कर 16.98 लाख टन हो गया। सबसे अधिक आयात पाम तेल का किया गया। साल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (एसईए) ने कहा, वनस्पति तेलों का कुल आयात (खाद्य और अखाद्य दोनों) सितंबर के दौरान 66 प्रतिशत बढ़कर 17,62,338 टन हो गया, जबकि सितंबर, 2020 में यह 10,61,944 टन था। एसईए के कार्यकारी निदेशक बीवी मेहता ने कहा, ‘1996 में भारत द्वारा पाम तेल का आयात शुरू करने के बाद सितंबर, 2021 में 12.62 लाख टन पाम तेल का आयात किसी एक महीने में सर्वाधिक है।

 

 

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