रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन डिवाइस (आरएफआइडी) से टोल वसूली करने में विफल रहने पर दक्षिणी निगम ने टोल वसूलने वाले कंपनी सहकार ग्लोबल पर कार्रवाई की है। निगम ने कंपनी पर आरएफआइडी व्यवस्था को सही ढंग से लागू न करने पर दस लाख का जुर्माना किया है। इतना ही नहीं निगम ने 672 वाहन मालिकों को नोटिस जारी किए है। इसके तहत 572 वाहन चालकों को मोबाइल मैसेज के जरिये लोगों को कार्रवाई की जानकारी दी गई है। इसमें 524 वाहनों का परमिट रद करने की सिफारिश की गई है। निगम ने दिल्ली परिवहन विभाग के साथ पड़ोसी राज्यों में पंजीकृत वाहनों के लिए संबंधित परिवहन विभाग को परमिट रद करने का अनुरोध किया गया है।

 

उल्लेखनीय है कि दैनिक जागरण लगातार आरएफआइडी से टोल वसूली अनिवार्य होने के बाद लागू न होने के मुद्दे को उठा रहा है।

31 अगस्त और एक सितंबर के संस्करण में इस संबंध में खबर प्रकाशित की गई थी। दक्षिणी निगम के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राजधानी के सभी 124 टोल नाकों पर टोल के साथ पर्यावरण क्षतिपूर्ति शुल्क (इसीसी) का शुल्क आरएफआइडी टैग से चुकाना अनिवार्य है। टैग न होने या टैग रिचार्ज न होने की स्थिति में निगम जुर्माना लगा रहा है।

एक सितंबर से हम इसे लागू करने की कोशिश कर रहे हैं।

इसके लिए निगम की एनफोर्समैंट की टीम टोल नाके पार होने के बाद वाहनों की जांच कर रही है। जो भी वाहन बिना टैग या फिर टैग के खाते में पर्याप्त राशि न होने पर नगद टोल का भुगतान कर रहे हैं उन पर जुर्माना लगाने से लेकर परमिट रद करने की सिफारिश की जा रही है। वहीं, 500 रुपये का जुर्माना भी लगाया जा रहा है।

 

तीनों नगर निगम के इलाके में टोल वसूलने के लिए दक्षिणी निगम नोडल निकाय है। इससे करीब 800 करोड़ रुपये का सालाना राजस्व आता है। जिसे उत्तरी, दक्षिणी एवं पूर्वी निगम में 1:1:06 के अनुपात में विभाजित किया जाता है। आरएफआइडी को लागू करने की कोशिश निगम वर्ष 2018 से कर रहा है। इसके लिए निगम ने सबसे पहले वर्ष 2018 में 13 टोल नाकों पर आरएफआइडी तकनीक स्थापित की थी। इन्हीं टोल नाकों से दिल्ली में 85 फीसद यातायात प्रवेश करता है।

प्रदूषण को कम करना है उद्देश्य

आरएफआइडी लागू करने उद्देश्य टोल वसूली को कैशलेस करना है। इसलिए आरएफआइडी टैग व्यावसायिक वाहनो के लिए अनिवार्य किया गया है। यह आरएफआइडी टैग फास्टेग की तरह कार्य करता है। नकद टोल की वसूली से वाहनों का ईधन जलता है जो कि प्रदूषण का कारण बनता है।

कुछ तो अभी भी कर रहा हूँ आप लोगो के लिये ख़ैर आप email पर लिख भेजिए मुझे [email protected] पर

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