चांदनी चौक अब सिर्फ इमारतों, खरीदारी और खाने-पीने के लिए ही नहीं लुभाएगा, बल्कि यहां के रिक्शे और विटेंज गोल्फ कार्ट भी हर आने वालों को लुभाएंगी। यहां पर आइआइटी दिल्ली द्वारा विशेष रूप से तैयार किए गए 107 रिक्शों को चलाने की तैयारी है, जो बैठने और चलाने में आरामदेह होंगे। खास बात यह है कि रिक्शा चालक भी वर्दी में तथा बिल्ले के साथ होंगे। साथ ही रिक्शे रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन डिवाइस (आरएफआइडी) से लैस होंगे। इसी तरह गोल्फ कार्ट भी लाल किला तथा चांदनी चौक की ऐतिहासिकता को समाहित किए होगा। इसे ऐतिहासिक रूप दिया जाएगा, जिससे इसमें बैठने वालों को किसी पुराने वाहन पर चलने का एहसास हो।

हाल ही में शाहजहांनाबाद पुनर्विकास निगम (एसआडीसीसी) की बैठक में इन दोनों प्रस्तावों को अंतिम रूप दिया गया है। आइआइटी दिल्ली ने रिक्शे के दो डिजाइन एसआडीसी के सामने रखे हैं। रिक्शे के डिजाइन को अंतिम रूप देने के लिए उत्तरी नगर निगम के उपायुक्त की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई है।

बैठक में तय हुआ कि सात अगस्त तक रिक्शे के डिजाइन को मंजूरी दे दी जाएगी तथा 30 सितंबर तक इन रिक्शों को चांदनी चौक के मुख्य मार्ग पर उतार दिया जाएगा। वर्तमान में सैकड़ों की संख्या में रिक्शे चल रहे हैं। उनकी संख्या सीमित कर केवल 107 रिक्शों को चलाने की तैयारी है, जिसके लिए नगर निगम लाइसेंस आवंटित करेगा। वहीं, गोल्फ कार्ट प्रक्रिया को अंतिम रूप देने के लिए दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी- माडल ट्रांजिट सिस्टम (डिम्ट्स) को निविदा मंगाने को कहा गया है।

इस संबंध में चांदनी चौक सर्व व्यापार मंडल के अध्यक्ष संजय भार्गव ने बताया कि बाजार व्यापारी संगठन के सहयोग से चलने वाले इस गोल्फ कार्ट को चलाने के लिए कारपोरेट सामाजिक दायित्व से मदद के लिए एक कंपनी तैयार हो गई है। पहले चरण में 10 गोल्फ कार्ट चलाने की तैयारी है।

 

15 अगस्त के बाद हो सकता है लोकार्पण

चांदनी चौक पुनर्विकास परियोजना के तहत पहले चरण का काम अंतिम दौर में है। इसे जल्द समाप्त करने का लक्ष्य रखा गया है। पहले इसे 31 जुलाई तक खत्म करने का लक्ष्य रखा गया था। मामले से जुड़े लोगों के मुताबिक बारिश व 15 अगस्त को लेकर सुरक्षा तैयारियों के मद्देनजर काम में रुकावट आ गई है।

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