दिल्ली। वायुप्रदूषण से जूझ रही दिल्ली के लिए अब राहत की खबर है। एनसीआर परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) ने दिल्ली-मेरठ (यूपी) कारिडोर के हर स्टेशन और प्लेटफार्म पर सोलर पैनल लगाने का निर्णय लिया है। ताकि नवीकरणीय ऊर्जा के इस्तेमाल से पर्यावरण को कम से कम नुकसान हो।

देश के पहले रैपिड रेल कारिडोर को पर्यावरण की दृष्टि से अनुकूल बनाया जाने का प्रयास एनसीआरटीसी द्वारा किया जा रहा है। देश का यह पहला रैपिड कारिडोर 82 किलोमीटर लंबा है जो कि दिल्ली के सराय काले खां से शुरु होगा और उत्तरप्रदेश के मोदीपुरम (मेरठ) में समाप्त होगा।

इस कारिडोर में कुल 22 स्टेशन हैं। जिसमें हर स्टेशन को सौर ऊर्जा से जोड़ा जाएगा। इसके तहत 10 मेगावाट तक की सौर ऊर्जा उत्पन्न किए जाएंगे। वहीं इसको लेकर उत्पादक एजेंसी से अनुबंध पर भी विचार किया जा रहा है ताकि अन्य स्थानों में उत्पन्न होने वाली सौर ऊर्जा का भी आरआरटीएस नेटवर्क में इस्तेमाल किया जा सके। योजना के मुताबिक इस रैपिड कारिडोर का पूरा निर्माण कार्य 2025 तक समाप्त हो जाएगा।

बता दें कि, सरकार द्वारा दिल्ली में बढ़ रही वायुप्रदूषण की समस्याओं के चलते ऊर्जा के अन्य विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। इसके लिए सरकार ने दिल्ली में इलैक्ट्रिक बसों व कारों को पहले ही परिवहन के बेड़े में जगह दे दी है। एनसीआरटीसी के तहत बनने वाला कारिडोर उसी कड़ी का हिस्सा है।

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