फ्लैटों की लोकेशन अच्छी न होना कहें या फिर बुनियादी सुविधाओं का अभाव या फिर इनकी कीमतें ज्यादा होना, लेकिन दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की आवासीय योजनाएं लगातार फ्लाप हो रही हैं। पहले तो आवासीय योजना के लिए ज्यादा आवेदन ही नहीं आते। दूसरे, ड्रा के बाद भी फ्लैट लौटाने का सिलसिला जारी रहता है। अब तो लौटाए जाने वाले फ्लैटों की संख्या 50 फीसद से भी ऊपर पहुंचने लगी है।

 

एक समय था जब डीडीए फ्लैटों की बहुत मांग हुआ करती थी। कुछ हजार फ्लैटों के लिए लाखों की संख्या में लोग आवेदन करते थे। ड्रा में एक अदद फ्लैट निकल आए, इसके लिए सिफारिशों का दौर भी खूब चला करता था। लेकिन 2014 की आवासीय योजना से फ्लैट लौटाने का जो सिलसिला शुरू हुआ, वह अब तक नहीं थमा। 2014 के बाद 2017, 2019 और अब 2021 की आवासीय योजना में भी यह सिलसिला बदस्तूर जारी है। हैरत की बात यह कि जितने फ्लैटों का ड्रा होता है, उनमें आधे से भी अधिक लौटाए जा रहे हैं। 2019 में तो स्थिति यह हो गई थी कि जितने फ्लैट थे, उतने आवेदन भी नहीं आए।

 

आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ाने के बावजूद 18,000 फ्लैटों की योजना में केवल 8,438 का ही ड्रा निकाला जा सका। नवीनतम 2021 की आवासीय योजना की बात करें तो 10 मार्च को डीडीए ने 1,354 फ्लैटों का ड्रा किया था। इनमें से भी 689 डीडीए को वापस मिल गए। इन लौटाए हुए फ्लैटों का डीडीए ने 25 अगस्त को प्रतीक्षा सूची में शामिल आवेदकों के लिए ड्रा किया। लेकिन इसमें भी 130 आवेदकों ने ही पंजीकरण राशि जमा कराई और 79 को ही फ्लैट मिल पाया।

 

जानकारों के मुताबिक रोहिणी को छोड़कर लोगों को कहीं पर भी फ्लैटों की लोकेशन ज्यादा पसंद नहीं आ रही है। चाहे नरेला हो, सिरसपुर या फिर मंगलापुरी। इन सभी जगहों पर निकाले गए ज्यादातर फ्लैट लोगों ने डीडीए को वापस लौटा दिए। लोकनायक पुरम, द्वारका, जसोला और वसंत कुज में भी ऐसे हुआ।

 

आवंटी से छोड़ने की वजह पूछी जाएगी

 

डीडीए के आयुक्त आवास वीएस यादव के मुताबिक फ्लैट लौटाने वाले हर आवंटी से इसकी वजह भी पूछी जाएगी और फिर बाद में सर्वे रिपोर्ट तैयार कर जो भी खामियां दूर हो सकने वाली होंगी, उन्हें दूर किया जाएगा। अन्य खामियों को नए फ्लैट तैयार करने के क्रम में ध्यान रखा जाएगा।

 

कीमतें अधिक होना भी बड़ा कारण

एक अन्य बड़ा कारण डीडीए फ्लैटों की कीमतें अधिक होना भी रहा है। हालांकि डीडीए का कहना है कि वह केवल लागत ही वसूल करता है, लेकिन प्राइवेट बिल्डर कहीं अच्छी लोकेशन पर बेहतर सुख-सुविधाओं के साथ कम कीमत पर फ्लैट दे रहे हैं। डीडीए को इस दिशा में भी सोचना चाहिए।

 

 

एलआइजी फ्लैटों का आकार समझ में नहीं आता

 

एलआइजी फ्लैटों का आकार लोगों को समझ में नहीं आता। इसमें अलावा परिवहन सुविधाओं का अभाव, जल बोर्ड का पेयजल नेटवर्क नहीं होना, सुरक्षा का अभाव, सड़कें टूटी होना, आसपास पार्क या मार्केट नहीं होना भी कारण रहे हैं।

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