कोविड-19 के मामलों में होने वाली रोजाना वृद्धि को देखते हुए केंद्र सरकार ने चिंता जाहिर की है. कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने शुक्रवार को कोरोना महामारी की स्थिति को लेकर एक बैठक की. इस दौरान 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कोरोना संक्रमण की स्थिति को लेकर चिंता जताते हुए कहा गया कि इन राज्यों में दैनिक मामलों में तेजी दिखी है लेकिन रोकथाम गतिविधियों को लागू करने में तेजी नहीं दिखाई गई है.

कैबिनेट सचिव ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों, पुलिस महानिदेशकों और स्वास्थ्य सचिवों के साथ उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक करते हुए इन राज्यों को संक्रमण रोकने के लिए कड़े कदम उठाने को कहा है. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक चिंताजनक स्थिति वाले 11 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में महाराष्ट्र, पंजाब, कर्नाटक, केरल, छत्तीसगढ़, चंडीगढ़, गुजरात, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, दिल्ली और हरियाणा हैं.

मंत्रालय ने कहा कि 31 मार्च तक 14 दिनों में कोविड-19 के मामलों में इन राज्यों का योगदान 90 प्रतिशत, मौत के मामले में 90.5 प्रतिशत है और कई राज्य पिछले साल के शीर्ष मामलों को पार कर चुके हैं या उसके करीब हैं.

जुर्माना लगाने की जरूरत पर विचार

बैठक में राज्यों द्वारा तुरंत अनुपालन के लिए नियमों का उल्लंघन करने वालों पर पुलिस कानून, आपदा प्रबंधन कानून और अन्य कानूनी और प्रशासनिक प्रावधानों के तहत जुर्माना लगाने की जरूरत पर विचार-विमर्श किया गया.

पिछले पखवाड़े में कोविड-19 के कारण बिगड़ती स्थिति का संज्ञान लेते हुए कैबिनेट सचिव ने उल्लेख किया कि पिछले साल जून में मामलों में वृद्धि की दर 5.5 प्रतिशत थी, जो मार्च 2021 में बढ़कर 6.8 प्रतिशत हो गई.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इस अवधि में कोविड-19 से मौत के रोजाना मामलों की वृद्धि दर भी 5.5 प्रतिशत हो गई है. सितंबर 2020 में महामारी की चरम स्थिति के दौरान कोविड-19 के 97,000 नए मामले आए थे, वहीं अब संक्रमण के 81,000 मामले आए हैं.

राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा उठाए गए कदमों की विस्तृत और सघन समीक्षा के बाद कैबिनेट सचिव गौबा ने दोहराया कि रोकथाम के संबंध में ठोस प्रयास करने की जरूरत है और टीकाकरण बढ़ाते हुए तथा कोविड-19 के संबंध में उचित व्यवहार अपनाने पर जोर देते हुए निगरानी के कदम उठाए जाएं.

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