यमुना के बाढ़ के मैदानों की पारिस्थितिक विशिष्टता को बढ़ाने और इसे एक मनोरंजक और सांस्कृतिक स्थल के रूप में अधिक आकर्षक बनाने के उददेश्य से उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मंगलवार को शहर के पहले बैंबू (बांस) थीम पार्क ”बांसेरा” की नींव रखी। यहां पर असम से लाए गए 25,000 से अधिक विशेष किस्म के बांस के पौधे लगाए जाएंगे।

 

बांस 30 प्रतिशत करता है आक्सीजन का अधिक उत्पादन

इस दौरान एलजी ने कहा कि बांस लगभग 30 प्रतिशत अधिक आक्सीजन का उत्पादन करता है और बहुत कम पानी की खपत करता है, साथ ही मिट्टी को समृद्ध करता है। बड़े पैमाने पर बैंबू के रोपण से राजधानी की वायु-प्रदूषण की समस्या को काफी हद तक दूर करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि बाढ़ के मैदान और नदी के किनारों पर अक्सर अतिक्रमण और अनधिकृत निर्माण के परिणामस्वरूप नदी के रूप में यमुना के अस्तित्व पर गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है।

 

 

जनता के लिए बनेगा सुलभ

यमुना नदी के बाढ़ के मैदानों की बहाली और कायाकल्प की डीडीए की प्रसिद्ध परियोजना एक पहल के रूप में शुरू की जा रही है ताकि बाढ़ के मैदानों के पारिस्थितिक विशिष्टता को बढ़ाया जा सके और उन्हें बड़े पैमाने पर जनता के लिए सुलभ बनाया जा सके। इसमें एंट्री के लिए मन्थ्ली पास और प्रतिदिन एंट्री के लिए 20 रुपए तक का टिकट लेना होगा. वही इस पार्क में बच्चों के प्रवेश को मुफ़्त रखा गया हैं.

इनकी रही मौजूदगी

इस अवसर पर मुख्य सचिव नरेश कुमार और डीडीए उपाध्यक्ष मनीष कुमार गुप्ता, प्रमुख आयुक्त (उद्यान) राजीव कुमार तिवारी, अतिरिक्त आयुक्त (लैंडस्केप) डा कल्पना खुराना, अशोक कुमार, निदेशक (उद्यान), मुख्य अभियंता (पूर्वी) रविकांत, डीडीए बोर्ड सदस्य विजेन्द्र गुप्ता व ओपी शर्मा आदि भी मौजूद रहे।

Delhi News : Lt Governor Laid The Foundation Stone Of First Bamboo Theme  Park Bansera - Delhi News : उपराज्यपाल ने दिल्ली के पहले बैंबू थीम पार्क  'बांसेरा' की रखी नींव रखी,

बांसेरा में बनेगा बैंबो कैफे

भीएलजी ने बताया कि पूरे क्षेत्र को दो भागों में वर्गीकृत किया गया है। इस शहर की अपनी तरह की प्रथम पहल का नाम ”बांसेरा” रखा गया है जो हिंदी शब्द ”बसेरा” से लिया गया है जिसका अर्थ है ”निवास”। यहां बांस के पेडों के नीचे बैठने के स्थान के साथ ही एक बैंबो कैफे भी बनेगा। एक जगह पर जुटने के लिए बड़े स्थानों को भी डिजाइन किया गया है जिसमें बांस के झुरमुट एक घेरे की संरचना उपलब्ध कराएंगे । इसमें कियोस्क, हट, वाचटावर और कच्चे रास्ते के साथ-साथ ग्रीन वे में जनता के बैठने का स्थान शामिल है।

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