दिल्ली सरकार द्वारा सौ फीसदी वित्त पोषित दिल्ली विश्विद्यालय से संबद्ध 12 काॅलेजों के कई वरिष्ठ शिक्षकों ने वेतन संकट आदि समस्याओं को लेकर मीडिया से वार्ता की। शिक्षकों का कहना है कि पाँच महीने से सरकार द्वारा उन्हें वेतन, मेडिकल बिल सहित अन्य भत्ते का पैसा नहीं दिया जा रहा है। जिसके कारण उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो गई है। आलम ये है कि अब मकान का किराया, राशन या बच्चों की फीस तक जमा करने के लिए बैंक से कर्ज लेना पड़ रहा है।

इस प्रेस वार्ता में दिल्ली विश्विद्यालय से संबद्ध महाराजा अग्रसेन काॅलेज , अंबेडकर काॅलेज के शिक्षक व कर्मचारियों ने अपनी समस्या मीडिया के सामने रखी। उन्होंने बताया कि दिसंबर 2020 के बाद से कोई अनुदान प्राप्त नहीं हुआ है। जिसके कारण शिक्षकों और गैर शिक्षण कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति गंभीर है। समस्या पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने उन काॅलेजों का जिक्र भी किया जहाँ पाॅच माह से वेतन नहीं मिला है। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा 100 फीसदी वित्त पोषित इन संस्थानों को विलंब अनुदान देने की बात कही है।

इसके अलावा उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के काॅलेज ऑफ आर्ट्स को राज्य सरकार द्वारा अपने अधीन करने का भी कड़ा विरोध किया। उन्होंने कहा बार-बार शिक्षक संघ, शिक्षक और कर्मचारी इसका विरोध जता चुके हैं मगर सरकार इसको लेकर गंभीर नहीं है। उन्होंने डीयू के शिक्षक संगठन अध्यक्ष को पत्र लिखकर समस्या को भी बताया है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर सरकार द्वारा जल्द ही वेतन ना दिया गया तो शिक्षक व कर्मचारियों द्वारा काम काज ठप करने पर भी विचार किया जाएगा।

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