देश की राजधानी दिल्ली के लोगों को अब बस के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। अब उन्हें 5 से 10 मिनट के अंतराल पर बसें उपलब्ध होंगी। दिल्ली सरकार ने दिल्ली की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को विश्वस्तरीय बनाने की दिशा में कदम उठाया है। दिल्ली सरकार दिल्ली में सार्वजनिक बसों के रूटों का रेशनलाइजेशन (युक्तिकरण) कर रही है।

 

इस संबंध में बुधवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई। जिसमें परिवहन विभाग के अधिकारियों ने रूट रेशनलाइजेशन को लेकर की गई स्टडी के सुझावों को लागू करने के संबंध में प्रजेंटेशन दिया। रूट रेशनलाइजेशन के तहत दिल्ली के हर कोने से एक निश्चित समय अंतराल पर बसें मिल सकेंगी।

नए प्लान के तहत पूरी दिल्ली में पांच से 10 मिनट के समय अंतराल पर बसें उपलब्ध होंगी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में मौजूदा बसों के बेड़े का अधिक कुशलता के साथ कैसे उपयोग करें, हमें और कितनी बसें चाहिए? ट्रांसपोर्ट के सभी तरीकों को कैसे एकीकृत करें?

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैंने रूट रेशनलाइजेशन प्रस्ताव पर परिवहन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा की। हम जल्द ही इस पर जनता का फीडबैक लेंगे। इस बैठक में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत और परिवहन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

दिल्ली के दूर-दराज के इलाकों में जहां बस सेवा उपलब्ध नहीं है, वहां भी बस सेवा उपलब्ध कराई जाएंगी। मेट्रो स्टेशनों से लास्ट माइल कनेक्टिविटी के लिए फीडर बसों की सेवा दी जाएगी और दिल्ली से एनसीआर की कनेक्टिविटी को और बेहतर किया जाएगा।

 

सुझावों लागू होने के बाद पूरी दिल्ली में कोई भी यात्री मानक के अनुसार, 15 मिनट के अंदर और 500 मीटर के दायरे में बस प्राप्त कर सकेगा। अभी दिल्ली में बसों का कवरेज 15 मिनट और 500 मीटर के मानक के हिसाब से सिर्फ 49 प्रतिशत है, इसको बढ़ाकर 90 से 95 प्रतिशत किया जाएगा।

कम समय में कम पैसे खर्च कर दिल्ली के हर कोने तक यात्रा

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज दिए गए इस प्रजेंटेशन के माध्यम से बताया गया कि दिल्ली के शहरी और ग्रामीण इलाकों तक बस सेवा को कैसे बेहतर बनाया जा सकता है और कैसे दिल्ली के किसी भी कोने में रहने वाला कोई व्यक्ति कम समय में और कम पैसे खर्च करके दिल्ली के एक कोने से दूसरे कोने तक बस सेवा से सफर कर सकता है।

इस समीक्षा बैठक में कई मुद्दों पर गंभीरता से विचार विमर्श किया गया। जिसमें डीटीसी और क्लस्टर बसों के शहर के रूट, अंतर्राज्यीय बस रूट, आइएसबीटी का बेहतर उपयोग करने और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, लास्ट माइल कनेक्टिविटी के लिए आरटीवी और डीएमआरसी फीडर मार्ग तय करने, ई-रिक्शा, आटो रिक्शा, टैक्सी आदि की भूमिका का अध्ययन करने के लिए तर्कसंगत मार्गों को लागू करने आदि पर चर्चा की गई।

कुछ तो अभी भी कर रहा हूँ आप लोगो के लिये ख़ैर आप email पर लिख भेजिए मुझे [email protected] पर

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