Power Crisis in Delhi: दिल्ली (Delhi) समेत पूरे देश में हो रही बिजली कटौती (Power Crisis) का असर दिल्ली मेट्रो पर नहीं पड़ेगा. क्योंकि दिल्ली मेट्रो (Delhi Metro) को जितने यूनिट बिजली की जरूरत प्रतिदिन पड़ती है उसका 50 फीसदी सौर ऊर्जा से पूरा किया जाता है.

दिल्ली मेट्रों का 28वां स्थापना दिवस

दिल्ली मेट्रो के प्रबंध निदेशक (Delhi Metro Managing Director) विकास कुमार (Vikas Kumar) की माने तो पूरी दिल्ली को प्रतिदिन जितनी बिजली की जरूरत होती है. उसमें से मेट्रो को सिर्फ दो फीसदी बिजली की जरूरत है. उन्होंने कहा कि अगर ऐसी स्थिति आई तो हमारे पास बैटरी (Battery) और जेनरेटर (Generator) की व्यवस्था मौजूद है.

मेट्रो संचालन पर बिजली कटौती का असर
दिल्ली मेट्रो को रोजाना 300 मेगावाट बिजली की जरूरत पड़ती है. हमें 200 मेगावाट बिजली दिल्ली, उत्तर प्रदेश व हरियाणा की कंपनियों से मिलती है. इसमें 99 मेगावाट सौर ऊर्जा संयंत्र से मिलती है, जबकि 50 मेगावाट मेट्रो खुद अपने मेट्रो स्टेशनों और डिपो की छतों पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाकर उत्पादन करती है. मेट्रो के ऊपर बिजली कटौती का कोई असर नहीं पड़ेगा.

दिल्ली मेट्रों का 28वां स्थापना दिवस
दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने मंगलवार को मेट्रो के 28वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान कहा कि दिल्ली को मजबूत सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था देने के लिए अगले कुछ महीने में हमें मिलकर काम करना होगा. उन्होंने परिवहन आयुक्त, मेट्रो प्रबंध निदेशक को इस दिशा में काम करने का सुझाव भी दिया. मुख्य सचिव ने कहा कि लोग मजबूरी में निजी वाहन से चलते है.

मुख्य सचिव के सुझावों की सराहना
इसके आलावा उन्होंने बताया कि जब हमने 620 रूट नंबर की बस चलाई. तब खूब आलोचना हुई मगर उसके चलने से मेट्रो के परिचालन निदेशक राजकुमार ने छतरपुर से बस से आना शुरू कर दिया. इस मौके पर मनोज जोशी ने मुख्य सचिव के सुझावों का समर्थन किया. इस मौके पर केंद्रीय शहरी विकास सचिव मनोज जोशी, मेट्रो प्रबंध निदेशक विकास कुमार समेत अन्य लोग मौजूद रहे.

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