अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए दिल्ली पुलिस ने चलती-फिरती पुलिस चौकी तैयार की है, जिसमें तैनात कमांडो संवेदनशील क्षेत्रों में अपनी पैनी नजर रखेंगे। इस मोबाइल चौकी को टाटा 407 से रूपांतरित कर तैयार किया है और कई आधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया है। उत्तरी जिला पुलिस ने इसे डिजाइन करवाया है और पुलिस आयुक्त से भी हरी झंडी मिल गई है।

 

मोबाइल चौकी में कैमरा लगी ऑटोमेटिक मचान भी बनाई गई है। इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक सीढ़ी और दो ऑटोमेटिक बैरिकेड भी होंगे। एक मोबाइल चौकी में पांच कमांडो तैनात किए जाएंगे, जिनके पास एके-47, एसएलआर और इंसास राइफल होगी। हिंसक प्रदर्शन के दौरान बेकाबू भीड़ से निपटने के लिए इसमें आंसू गैस सहित कई अन्य उपकरण लगाए गए जाएंगे। फिलहाल इनकी तैनाती डीयू क्षेत्र, पुरानी दिल्ली और रिंग रोड के आस-पास करने की योजना है। जरूरत पड़ने पर इन्हें अन्य क्षेत्रों में भी भेजा जाएगा। खासतौर से सुनसान क्षेत्रों में मोबाइल चौकी की गश्त रहेगी।

 

 

इस चौकी को किसी भी सड़क पर खड़ा कर ऑटोमेटिक बैरिकेड लगाकर वाहनों की चेकिंग की जा सकेगी। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक मोबाइल चौकी का काम अंतिम पड़ाव पर है और आने वाले कुछ दिनों में इसे राजधानी की सड़कों पर तैनात कर दिया जाएगा।

 

अभी तक कई बार ऐसा होता है कि यदि पुलिस कहीं पर चेकिंग कर रही होती है और इस दौरान वो किसी बदमाश को पकड़ती है तो उसके पास उस बदमाश को बैठाने के लिए ऐसी कोई जगह नहीं होती है। ऐसे में एक टीम को बदमाश को लेकर थाने जाना पड़ता है। अब इस नई वैन के बन जाने के बाद पुलिस बदमाश या किसी भी मामले में वांछित व्यक्ति को पकड़कर इस वैन में बनी चौकी में बंद कर देगी, उसके बाद अपने काम को अंजाम देती रहेगी। जब काम समाप्त हो जाएगा तो इस वैन में बंद व्यक्ति को थाने ले जाकर वहां के लॉकअप में बंद कर दिया जाएगा।

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