अगर आपकी कार 15 साल या उससे ज्यादा पुरानी है तो उसका जेब खासी ढीली कराने को तैयार रहिए। अप्रैल 2022 के बाद ऐसी गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन रीन्यू कराना 8 गुना महंगा हो जाएगा। भारी कॉमर्शियल वीइकल्स के मालिकों को भी, 15 साल से ज्यादा पुरानी बसों और ट्रकों का फिटनेस सर्टिफिकेट बनवाने पर 8 गुना ज्यादा शुल्क देना होगा।
सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने सोमवार को इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी कर दी। हालांकि इसका दिल्ली और आसपास के इलाकों पर कोई असर नहीं होगा। वहां पहले से ही नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के आदेश पर 10 साल से पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध है।
दिल्ली NCR वाले ध्यान दें.
दिल्ली एनसीआर में रहने वाले और पुरानी गाड़ी रखने वाले लोगों को ध्यान देने की खास आवश्यकता है क्योंकि दिल्ली एनसीआर में अब प्रदूषण के खिलाफ खासकर सर्दियों को लेकर विशेष और बड़ा अभियान चल रहा है. इस अभियान के तहत इस सर्दी में जितने अधिक से अधिक पुरानी गाड़ियों को स्क्रैप पॉलिसी के अंदर लाया जा सकेगा वह इस दिशा में बढ़ाया गया प्रगति माना जाएगा.
इस सर्दी में 15 साल का सीमा पेट्रोल वाहन और 10 साल की सीमा डीजल वाहन के हो चुके गाड़ियों को स्क्रैप पॉलिसी मिलाने के लिए बृहद पैमाने पर कर्मचारियों की भर्ती करके टीम बनाई गई है जिनका काम सड़क पर दौड़ रहे ऐसे वाहनों को सड़क से हटाकर स्क्रैप करना है उसके साथ, गलियों में भी रजिस्ट्रेशन नंबर के आधार पर खड़ी गाड़ियों को स्क्रैप करने की पॉलिसी बनाई गई है.
कैसे करें पुरानी गाड़ियों का दोबारा रजिस्ट्रेशन?
सरकार ने रजिस्ट्रेशन शुल्क ऐसे गाड़ियों को दोबारा से प्रयोग में लाने के लिए 8 गुना तक बढ़ा दिया है. लेकिन दिल्ली एनसीआर के लोग अपनी गाड़ियों को इस क्षेत्र में ना बेच कर इस क्षेत्र से बाहर किसी भी एजेंसी के जरिए बेच सकते हैं. और दुबारा से रजिस्ट्रेशन होने के बाद उस गाड़ियों का संचालन किया जा सकता है हालांकि उसे दिल्ली और एनसीआर के इलाके में नहीं लाया जा सकता है.