दिल्ली की तर्ज पर अब हरियाणा ने भी राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में पड़ने वाले 14 जिलों में दूसरे प्रदेशों या अन्य जिलों से आने वाले पुराने वाहनों को चलने की अनुमति देने के लिए कोई रास्ता निकालने की तैयारी शुरू कर दी है। एनसीआर में 10 साल पुराने डीजल वाहनों और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध से कई तरह की दिक्कतें आ रही हैं। प्रदेश सरकार एक समिति बनाएगी जो एनसीआर में राष्ट्रीय वाहन स्क्रैप (कबाड़) नीति को न केवल सख्ती से लागू करेगी, बल्कि बाहर से आने वाले पुराने वाहनों के संचालन के लिए लिए कोई पालिसी बनाएगी।

 

केंद्र सरकार की नई स्क्रैप पालिसी का सबसे ज्यादा असर हरियाणा पर पड़ने जा रहा है। इसलिए राजस्थान, पंजाब, उत्तर प्रदेश सहित अन्य क्षेत्रों से एनसीआर में दाखिल होने वाले वाहनों को लेकर नियमों में संशोधन की जरूरत महसूस की जा रही है। परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा का कहना है कि हरियाणा का आधे से ज्यादा क्षेत्र एनसीआर में आता है। दूसरे राज्यों से भी वाहन एनसीआर में आते हैं। इसमें मालवाहक से लेकर निजी वाहन शामिल हैं। यदि एनसीआर से बाहर का कोई व्यक्ति अपने किसी परिचित या बीमार को इलाज के लिए पुराने वाहन में लेकर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में जा रहा है तो उसे इसकी अनुमति होनी ही चाहिए। नई पालिसी के मुताबिक यमुनानगर का कोई पुराना वाहन करनाल में प्रवेश नहीं कर सकेगा और राजस्थान का कोई वाहन नारनौल में। ऐसे वाहन चालक नई पालिसी के चक्कर में न फंसें, इसको लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल से बातचीत करेंगे।

 

दिल्ली सरकार भी उठा रही मुद्दा:

दिल्ली सरकार चाहती है कि एनसीआर में भी वाहन को खत्म करने के लिए उसका पुराना होना नहीं, बल्कि उसकी फिटनेस मापदंड हो।

 

 

सुप्रीम कोर्ट ने 29 अक्टूबर, 2018 को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 15 साल पुराने पेट्रोल और 10 साल पुराने डीजल वाहनों के चलने पर रोक लगा दी थी। ऐसे वाहन चलते पाए गए तो उन्हें जब्त कर लिया जाएगा। इसके बावजूद एनसीआर क्षेत्र में पुराने वाहन पूरी तरह हट नहीं पाए हैं। दिल्ली में बाहरी राज्यों व हरियाणा के शेष जिलों से पहुंचने वाले पुराने वाहनों पर जुर्माने से लेकर जब्त किया जाता है।

Founder of Delhibreakings.com I write Hyperlocal, Automative and Important National related coverages for my Audience. Mail me your love or suggestions on lov@delhibreakings.com or lov.singh@live.com