दिल्ली में अवैध रूप चल रहे ई-रिक्शा के खिलाफ परिवहन विभाग ने बड़े पैमाने पर अभियान छेड़ रखा है। इस अभियान के तहत अभी तक दिल्ली में विभिन्न स्थानों पर लगभग 900 ई-रिक्शा जब्त किए जा चुके हैं। अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली में नियमों का उल्लंघन करते हुए बहुत से ई-रिक्शा चल रहे हैं। ई-रिक्शा खरीदने के लिए स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) होना जरूरी है, लेकिन कई जगह बिना लाइसेंस या लर्निंग लाइसेंस पर ई-रिक्शा चल रहे हैं, लेकिन अब परिवहन विभाग ने लर्निंग लाइसेंस पर ई-रिक्शा खरीदने के प्रविधान को खत्म कर दिया है।

 

परिवहन विभाग ने इस संबंध में सभी ई-रिक्शा निर्माता और डीलर्स को भी पत्र लिखा है कि वह यह सुनिश्चित कराएं कि स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस धारक को ही ई-रिक्शा की बिक्री की जाए। उन्होंने कहा कि कुछ ई-रिक्शा चालकों ने रिक्शा की फिटनेस तक नहीं कराई है। कई मामलों में देखा गया है कि बच्चे भी ई-रिक्शा चला रहे हैं। इससे अक्सर सड़क दुर्घटना देखने को मिलती है, जिससे यात्रियों की जान खतरे में आ जाती है। ऐसे में रिक्शा चालकों के खिलाफ अभियान चलाया गया है। परिवहन विभाग से जुड़े सूत्रों की मानें तो दिल्ली में 80 हजार ई-रिक्शा हैं, लेकिन इनकी वास्तविक संख्या डेढ़ लाख के करीब है।

मालूम हो कि कुछ माह पहले ही दिल्ली में ई-रिक्शा लर्निंग लाइसेंस के लिए सरकार ने ये घोषणा की थी कि अब अप्वाइंटमेंट की जरूरत नहीं होगी। ऑनलाइन सॉफ्टवेयर सारथी के माध्यम से फीस जमा करने के बाद आवेदक संबंधित जोन के लाइसेंसिंग अथॉरिटी से संपर्क कर पाएंगे। इसके अलावा एक अन्य अहम फैसले में दिल्ली परिवहन विभाग ने सार्वजनिक अवकाश वाले दिन भी आवेदकों को ड्राइविंग लाइसेंस टेस्ट में शामिल होने का विकल्प दे दिया था। दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा था कि हमारा उद्देश्य- किसी भी प्रकार के प्रतीक्षा समय को सफलतापूर्वक समाप्त करना है।

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