अपहरण के एक मामले में अपहृत बच्चे को सकुशल मुक्त कराते हुए मुंडका थाना पुलिस ने अपहर्ता को गिरफ्तार किया है। अपहृत बच्चे को मुक्त कराने के लिए पुलिस ने करीब 1100 किलोमीटर की दूरी तय कर बिहार के सारण जिला तक का सफर तय किया। अपहर्ता पीड़ित परिवार का परिचित है। पूछताछ में पुलिस को पता चला कि उसने केवल इसलिए बच्चे का अपहरण कर लिया, क्योंकि बच्चे की बहन उसके आर्केस्ट्रा ग्रुप में फिर से शामिल नहीं हो रही थी।

 

बाहरी जिला पुलिस उपायुक्त समीर शर्मा ने बताया कि 26 मार्च को एक महिला ने पुलिस को बताया कि उनका बेटा स्कूल गया था, लेकिन लौटा नहीं। शिकायत पर तत्काल कार्रवाई करते हुए नांगलोई सबडिविजन के एसीपी महेंदर कुमार मीणा की देखरेख में पुलिस टीम ने बच्चे की तलाश शुरू की। बच्चे की मां ने पुलिस से कहा कि उनकी बेटी के मोबाइल पर अपहर्ता का मैसेज आया है, जिसमें उसने 50 हजार रुपये की फिरौती मांगी और कहा कि वह अरबिंद उपाध्याय उर्फ बाबा से मिले।

 

साथ ही पुलिस से शिकायत करने पर बच्चे की हत्या करने की धमकी भी दी थी। पुलिस ने इस नंबर को सर्विलांस पर लगाया तो इसकी लोकेशन लखनऊ आ रही थी। इसके बाद पुलिस ने पीड़ित पक्ष से बात की तो पता चला कि अर¨बद उर्फ बाबा पिछले एक महीने से उनके साथ रह रहा था। सर्विलांस के दौरान मिले लोकेशन के आधार पर पुलिस ने बिहार के सारण जिला स्थित खुटकादहवा गांव में दबिश दी और बच्चे को मुक्त करा लिया।

 

यहां पुलिस के हाथ अरबिंद उर्फ बाबा भी लग गया। जब पुलिस ने अरबिंद से पूछताछ की तो उसने बताया कि वह बिहार में ही हीना नाम से एक आर्केस्ट्रा ग्रुप चलाता है। इस ग्रुप में बच्चे की बहन भी शामिल थी। लेकिन करीब एक महीने पहले वह दिल्ली चली आई। उसके साथ अरबिंद भी दिल्ली आकर रहने लगा। करीब एक महीना यहां रहने के बाद जब अरबिंद ने बच्चे की बहन से वापस बिहार चलने को कहा तो उन्होंने इंकार कर दिया। उसने सोचा कि यदि वह बच्चे का अपहरण कर लेगा तो वह उससे आकर मिलेगी और फिर से आर्केस्ट्रा ग्रुप में शामिल हो जाएगी।

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